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कश्मीर : मुठभेड़ जारी, सुरक्षा बलों व प्रदर्शनकारियों में झड़प

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श्रीनगर| जम्मू और कश्मीर के पुलवामा में शनिवार को सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच भीषण मुठभेड़ जारी रही। इसी दौरान स्थानीय प्रदर्शनकारियों के साथ सुरक्षा बलों की झड़प हो गई, जिससे अभियान बाधित हो गया। भीड़ ने एक अर्धसैनिक बल के जवान की पिटाई कर उसे घायल कर दिया और उसकी राइफल छीन ली। पुलिस ने यहां बताया कि सुरक्षा बलों ने त्राल क्षेत्र में आतंकवादियों के छुपे होने की सूचना के बाद हाफू नाजनीनपोरा गांव की घेराबंदी की थी।

एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “सुरक्षा बल के जवान जैसे ही छिपे हुए आतंकवादियों पास पहुंचे, उन्होंने स्वचालित हथियारों से गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके जबाव में सुरक्षा बलों ने भी गोलीबारी की।”

उन्होंने कहा कि दक्षिण कश्मीर क्षेत्र में सक्रिय कुछ शीर्ष आतंकवादियों के वहां छुपे होने की सूचना थी। मुठभेड़ रुकवाने के लिए स्थानीय लोगों और ग्रामीणों ने सुरक्षा बलों पर पथराव शुरू कर दिया। यहां तक कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के एक हवलदार को भीड़ ने पीट दिया और उसकी राइफल छीन ली। घायल हवलदार को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।पुलिस ने बताया कि विरोध के बावजूद रात 8.30 बजे तक आंतकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन जारी था।

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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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