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कलात्मक राखी में ‘बेटी है तो कल है’ का संदेश

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छत्तीसगढ़ में रक्षाबंधन, कलात्मक राखी, 'बेटी है तो कल है' का संदेश, डॉ. रमन सिंह, विशेष राखी

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छत्तीसगढ़ में रक्षाबंधन, कलात्मक राखी, 'बेटी है तो कल है' का संदेश, डॉ. रमन सिंह, विशेष राखी

raksha bandhan 2016

रायपुर। छत्तीसगढ़ में रक्षाबंधन के अवसर पर बालिकाओं के प्रति समाज में सकारात्मक सोच को और भी ज्यादा बढ़ावा देने के लिए राजधानी रायपुर के नजदीक माना कैंप स्थित शासकीय बाल गृह (बालिका) बालिकाओं द्वारा विशेष कलात्मक राखी तैयार की गई है, जिसमें बेटियों की रक्षा के लिए समाज को ‘बेटी है तो कल है’ का सार्थक संदेश दिया गया है। संस्था महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित की जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने इन बालिकाओं के इस रचनात्मक प्रयास की प्रशंसा की है।

महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री रमशिला साहू ने अपने विभाग की ओर से मुख्यमंत्री सहित प्रदेश सरकार के सभी मंत्रियों, प्रदेश के सभी सांसदों और विधायकों को अपने पत्र के साथ शासकीय बाल गृह की बालिकाओं की ओर से यह विशेष राखी भेजी है। इसी कड़ी में महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव सोनमणि बोरा ने भी अपने पत्र के साथ मुख्य सचिव तथा अपर मुख्य सचिवों सहित प्रदेश सरकार के सभी प्रमुख सचिवों को यह विशेष राखी भेजकर इन बालिकाओं को प्रोत्साहन देने का अनुरोध किया है।

उन्होंने सभी 27 जिला कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों और जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को भी यह राखी भेजी है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य में एक हजार बालकों की तुलना में केवल 969 बालिकाएं हैं। शहरी क्षेत्रों में यह अनुपात 932 और ग्रामीण क्षेत्रों 972 है। स्पष्ट है कि ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में शहरी क्षेत्रों में बच्चों का लिंगानुपात तेजी से कम हुआ है। इसलिए यह बहुत आवश्यक है कि इस सामाजिक संकट के प्रति समाज को संवेदनशील बनाया जाए।

पत्र में कहा गया है कि बालक-बालिकाओं के लिंगानुपात में सुधार लाने, बालिकाओं की शिक्षा सुनिश्चित करने, उन्हें सुनहरा भविष्य देने के लिए शासन द्वारा ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’, ‘नोनी सुरक्षा योजना’, ‘सुकन्या समृद्धि योजना’, ‘किशोरी शक्ति और सबला योजना’ आदि योजनाएं संचालित की जा रही हैं। बालिकाओं के प्रति समाज में सकारात्मक सोच को बढ़ाने तथा बेटियों की रक्षा के लिए सामाजिक संदेश देने शासकीय बाल गृह (माना कैंप) रायपुर की बालिकाओं द्वारा यह रक्षासूत्र (राखी) तैयार किया गया है। पत्र में सभी लोगों से रक्षाबंधन के पावन अवसर पर कन्या भ्रूणहत्या रोकने तथा बालिकाओं और महिलाओं के प्रति हिंसा और भेद-भाव को समाप्त करने के संकल्प के रूप में इस रक्षासूत्र को बांधकर अभियान में सहयोग प्रदान करने की अपील की गई है।

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नेशनल

बाबा रामदेव की सोन पापड़ी भी टेस्ट में ‘फेल’, असिस्टेंट मैनेजर समेत 3 को 6 महीने की जेल

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नई दिल्ली। योग गुरु बाबा रामदेव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। भ्रामक विज्ञापनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि को फटकार लगाई थी। अब पतंजलि कंपनी की सोन पापड़ी फूड टेस्‍ट में फेल गई है। मुख्‍य न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के असिस्‍टेंट मैनेजर सहित तीन लोगों को छह महीने जेल की सजा सुना दी है। तीनों पर जुर्माना भी लगाया गया है। खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 की धारा 59 के तहत सजा सुनाई गई है। असिस्टेंट मैनेजर को 50 हजार और अन्य 2 दोषियों को 10 और 25 हजार रुपये जुर्माना भरना होगा। मामले में शिकायतकर्ता की ओर से रितेश वर्मा ने पैरवी की।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 17 अक्टूबर 2019 को जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने उत्तराखंड के पिथौरागढ़ बेरीनाग बाजार का दौरा किया था। इस दौरान बेरीनाग बाजार स्थित लीलाधर पाठक की दुकान में रेड मारी गई। जांच करते हुए रेड टीम ने पतंजलि नवरत्न इलायची सोन पापड़ी के सैंपल लिए और उन्हें जांच के लिए रुद्रपुर की लैंब में भेजा गया। साथ ही सप्लायर रामनगर कान्हा जी और पतंजलि को नोटिस जारी किए गए।

जांच में मिठाई की क्वालिटी घटिया मिली। सैंपल फेल हो गया और पुलिस ने एक्शन लेकर पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के असिस्टेंट जनरल मैनेजर अभिषेक कुमार, कान्हा जी डिस्ट्रीब्यूटर प्राइवेट लिमिटेड रामनगर के असिस्टेंट मैनेजर अजय जोशी, दुकानदार लीलाधर पाठक को गिरफ्तार कर लिया। तीनों के खिलाफ सुनवाई पूरी होने के बाद बीते दिन जेल और जुर्माने की सजा सुनाई गई।

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