अन्तर्राष्ट्रीय
कलयुगी मां ने नवजात को सड़क पर फेंका, घंटों नोचती रहीं चींटियां
ह्यूस्टन। अमेरिका के ह्यूस्टन में कलयुगी मां का एक शर्मनाक कारनामा सामने आया है। इस खबर को पढ़ने के बाद आप भी सोचेंगे कि कोई मां इतनी निर्दयी कैसे हो सकती है। यहां एक महिला ने अपनी बच्ची को जन्म देने के बाद उसे चींटियों के बीच मरने के लिए डाल दिया और उसे छोड़कर वहां से चली गई।
इस दौरान वहां रहने वाले एक शख्स ने बच्ची के रोने के आवाज़ सुनी तो वह उसके पास गया। वहां का नजारा देखकर उसके होश उड़ गए। बच्ची के पूरे बदन पर चींटियां चढ़ी हुई थी। उसने तुरंत इस बात की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने बताया कि महिला को ये पता नहीं था कि वह गर्भवती है और उसे डर था कि उसके और बच्ची के पिता के बीच यह नवजात शिशु आ जाएगा इसलिए उसने बच्ची को मरने के लिए सड़क पर फेंक दिया। बच्ची को संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जज इस बात का फैसला करेंगे कि बच्ची का संरक्षण किसे सौंपा जाए।
अन्तर्राष्ट्रीय
कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित
नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।
एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।
कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।
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