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कंडोम एड तो रोक लिया, क्या दिन में SEX भी रोक लेगी सरकार: राखी सावंत
मुंबई। पिछले दिनों सरकार ने कंडोम विज्ञापनों पर सख्त रोक लगा दी है। अब किसी भी टीवी चैनलों पर सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक कंडोम विज्ञापन नहीं दिखाया जाएगा। सरकार ने ये फैसला बच्चों की मनोदशा को ध्यान में रखते हुए लिया।
लेकिन राखी सावंत किसी भी मुद्दे पर बयानबाजी से कहां पीछे हट सकती थी। दरअसल हालिया एक इंटरव्यू के दौरान राखी सावंत ने इस मुद्दे पर अपनी राय दी और सरकार को आड़े हाथों ले लिया।
राखी ने पूछा- क्या सरकार मुझसे डरी हुई है? क्या बिना ऐड देखे ही उन्हें विज्ञापनों से परेशानी होने लगी? इतना ही नहीं, राखी ने तो यहां तक कह दिया कि क्या सरकार ऐसे ऐड्स पर बैन लगाकर लोगों को दिन में यौन संबंध बनाने से रोक सकेगी?
उन्होंने कहा- यदि भारत में कंडोम विज्ञापनों को बैन किया गया तो ऐड्स का खतरा बढ़ जाएगा और युवा बिना जानकारी के ही असुरक्षित यौन संबंध बनाएंगे। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि सरकार चाहती है कि लोगों को ऐड्स हो जाए। जब तक बच्चे इन विज्ञापनों को देखेंगे नहीं वे कैसे सुरक्षित यौन संबंध बना सकेंगे।
राखी ने सरकार के इस फैसले पर सीधा कटाक्ष करते हुए सवाल किया की, सरकार ने सनी लियोनी या बिपाशा बसु के कंडोम ऐड पर तो रोक नहीं लगाई लेकिन जैसे ही इनको पता चला कि राखी का ऐड आने वाला है तो इन्होंने दिन के वक्त ऐड पर बैन ही लगा दिया।
बता दें कि, राखी ने उनके आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट से कुछ ही दिन पहले एक वीडियो शेयर किया था जिसमें वह अपने पसंदीदा कंडोम फ्लेवर बताती नजर आ रही थीं। वीडियो को अब तक हजारों लोग इसे देख चुके हैं और कमेंट बॉक्स में अपनी प्रतिक्रियाएं भी दी हैं।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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