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अन्तर्राष्ट्रीय

एंथ्रेक्स मामले की जांच शुरू

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वाशिंगटन| अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि एंथ्रेक्स के सक्रिय नमूने तीन देशों की प्रयोगशालाओं में भेजे जाने के बजाए अमेरिका के 17 राज्यों की 51 प्रयोगशालाओं और कोलंबिया जिले में भेजे जा सकते थे। समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, उप रक्षा मंत्री बॉब वर्क ने बुधवार को कहा कि मंत्रालय फेडेक्स द्वारा एंथ्रेक्स के आवंटन में हुई गलतियों की जांच का आकलन कर रहा है।

रक्षा मंत्रालय ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है। पेंटागन ने यह सोचकर प्रयोगशालाओं में नमूनों का वितरण किया था कि वे असक्रिय और हानिरहित हैं।

वर्तमान में रक्षा विभाग ने इस बात से इंकार किया सक्रिय एंथ्रेक्स को जानबूझकर भेजा गया था।

वर्क ने यह भी कहा कि फिलहाल लोगों में संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आया है। ये नमूने आस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और कनाडा भेजे गए थे।

वर्क ने कहा कि जांच में यह बात सामने आई है कि इन घातक विषाणु की संख्या बहुत कम है।

पेंटागन पुलिस भी उन संस्थानों में से एक थी, जिसे एंथ्रेक्स के संदिग्ध नमूने मिले थे।

अन्तर्राष्ट्रीय

गहरी नींद में थे लोग, तभी भूस्खलन से गांव पर आ गिरा पहाड़ का मलबा, 100 से ज्यादा की हुई मौत

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नई दिल्ली। पापुआ न्यू गिनी में शुक्रवार को हुए भूस्खलन में 100 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है। एबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, भूस्खलन की घटना कथित तौर पर दक्षिण प्रशांत द्वीपीय देश की राजधानी पोर्ट मोरेस्बी से लगभग 600 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में एंगा प्रांत के काओकलाम गांव में घटी। यह हादसा स्थानीय समय के अनुसार तड़के 3 बजे करीब हुआ। इलाके के निवासियों का कहना है कि मृतकों की संख्या 100 से अधिक भी हो सकती है।

यह प्राकृतिक आपदा तब हुई, जब पूरा गांव अलसुबह करीब 3 बजे गहरी नींद में था और पहाड़ का मलबा गांव पर आ गिरा।ऑस्ट्रेलियाई ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (ABC) की रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि शुक्रवार तड़के पापुआ न्यू गिनी के एक सुदूर गांव में हुए भूस्खलन में 100 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है। यह इलाका पापुआ न्यू गिनी की राजधानी पोर्ट मोरेस्बी से लगभग 600 किमी उत्तर-पश्चिम में स्थित एंगा प्रांत के काओकालम गांव में हुई है।

स्थानीय लोगों के हवाले से एबीसी ने जानकारी दी है कि इस प्राकृतिक आपदा में मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। हालांकि अधिकारियों ने अभी तक मौत के आधिकारिक आँकड़ों की जानकारी नहीं दी है। सोशल मीडिया पर भी इस खौफनाक हादसे के कई वीडियो सामने आए हैं, जिससे बड़ी-बड़ी चट्टानों, पेड़ों और मलबे के नीचे से ग्रामीणों की लाशों को निकालते हुए दिखाया जा रहा है।

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