मुख्य समाचार
उप्र में 71 विभूतियों को मिला यश भारती सम्मान
लखनऊ , उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुरुवार को 71 विभूतियों को यश भारती पुरस्कार से सम्मानित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा, “समाजवादी पार्टी (सपा) की सरकार में सभी का सम्मान होता रहा है, अगर आगे भी मौका मिला तो हम सभी का सम्मान करेंगे। विभूतियों को सम्मान देने के मामले में उत्तर प्रदेश आगे है।” इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में संस्किृत मंत्री अरुण कुमार कोरी मौजूद थे।
उन्होंने कहा कि इस पुरस्कार की शुरुआत नेता जी (मुलायम सिंह यादव) ने की थी। उन्होंने महान कवि हरिवंश राय बच्चन को साहित्य जगत में योगदान के लिए मुंबई स्थित उनके घर जाकर सम्मानित किया था।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कला, संस्कृति, विज्ञान, चिकित्सा व अन्य क्षेत्रों में अतुलनीय योगदान देने वाले 71 विभूतियों को सम्मानित किया। अखिलेश ने उन्हें शॉल के साथ प्रशस्तिपत्र भेंट कर उनका सम्मान किया। उन्होंने सभी का अभिवादन करते हए आभार भी प्रकट किया।
उन्होंने इस दौरान अपने सरकार की कई उपलब्धियों जैसे- लैपटॉप योजना, कन्या विद्या धन आदि के बारे में बताया। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि भविष्य में इससे भी ज्यादा विभूतियों को उनके बेहतर काम करने के लिए सम्मानित करना चाहते हैं। उप्र के संस्कृति विभाग की ओर से यह सम्मान वर्ष 2016-17 के लिए दिया गया। सम्मान समारोह उप्र के नवनिर्मित लोक भवन में आयोजित किया गया।
सम्मानित विभूतियों को 11 लाख रुपये का चेक और प्रशस्तिपत्र दिया गया। विभाग की ओर से दिए जाने वाले इस पुरस्कार को पाने वाले सभी लोगों को 50 हजार रुपये पेंशन हर महीना दिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने पहले यश भारती पुरस्कार के लिए 54 विभूतियों के नाम तय किए थे। बाद में संख्या 64 पर पहुंची और फिर बुधवार जब सूची को अंतिम रूप दिया गया तो 71 दिग्गजों के नाम पर मुहर लगी।
नेशनल
जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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