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अन्तर्राष्ट्रीय

उत्तर कोरिया ने स्कड शैली की बैलिस्टिक मिसाइल दागी

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सियोल, 29 मई (आईएएनएस)| उत्तर कोरिया ने सोमवार सुबह पूर्वी तट से छोटी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया। देश ने पिछले तीन सप्ताह में तीसरी मिसाइल का परीक्षण किया है। दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ (जेसीएस) की ओर से जारी बयान के मुताबकि, इस मिसइल को स्कड शैली की मिसाइल माना जा रहा है। इसे कांगवोन प्रांत के वोनसान के पास से कोरियाई प्रायद्वीप की ओर दागा गया।

दक्षिण कोरिया और जापान ने तुरंत इस परीक्षण का विरोध किया। जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने इस परीक्षण पर सख्त कदम उठाने का वादा किया है।

दक्षिण कोरिया के रक्षा प्रमुखों का कहना है कि उत्तर कोरिया पर कड़ा दंड लगाया जाएगा।

समाचार एजेंसी योनहाप के मुताबिक, मिसाइल ने अनुमानित रूप से 248 मील (लगभग 400 किलोमीटर) का सफर तय किया और यह जापान के विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) में जा गिरा।

जापान के चीफ कैबिनेट सेक्रेटरी योशीहिदे सुगा ने कहा, मिसाइल 200 समुद्री मील की तफ्तार से जापानी तट पर जा गिरी, जो विमानों और जहाजों की सुरक्षा को देखते हुए बहुत ही समस्याएं पैदा करने वाली हरकत थी।

जापान सरकार के मुताबकि, यह परीक्षण संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावना का स्पष्ट उल्लंघन है। उत्तर कोरिया द्वारा बार-बार की जा रही उकसावे की गतिविधियां स्वीकार्य नहीं है।

जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे का कहना है कि उन्होंने इस मिसाइल परीक्षण को लेकर उत्तर कोरिया के समक्ष विरोध दर्ज कराया है और देश अमेरिका के साथ मिलकर कदम उठाएगा।

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन ने इस परीक्षण की निंदा करते हुए उत्तर कोरिया के साथ चर्चा करने की वकालत की। मून ने मई की शुरुआत में ही राष्ट्रपति पद संभाला था।

दक्षिण कोरिया के विदेश मामलों के मंत्रालय के मुताबिक, यह परीक्षण न सिर्फ कोरियाई प्रायद्वीप की शांति और स्थिरता के लिए खतरा है, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए भी खतरा है।

व्हाइट हाउस अधिकारी ने बताया कि अमेरिकी प्रशांत कमान का कहना है कि मिसाइल को सिर्फ छह मिनट के लिए ही ट्रैक किया जा सका और इसके बाद यह पूर्वी सागर में जा गिरी। राष्ट्रपति ट्रंप को भी उत्तर कोरिया के इस उकसावे वाले कृत्य से सूचित कर दिया गया है।

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अन्तर्राष्ट्रीय

इब्राहिम रईसी के निधन पर शोक पीएम मोदी ने जताया शोक, कहा- दुःख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के निधन पर शोक जताया है। इब्राहिम रईसी की रविवार को को एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई थी। पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति डॉ. सैयद इब्राहिम रायसी के निधन से मुझे गहरा दुख और सदमा लगा है। भारत-ईरान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनके परिवार और ईरान के लोगों के प्रति मेरी संवेदना है। दुख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है।

बता दें कि अजरबैजान के घने और पहाड़ी इलाके में रविवार को राष्ट्रपति का विमान क्रैश हो गया था। इसके बाद ईरान की सेना ने हेलीकॉप्टर की तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, जिसमें विमान का मलबा मिल गया। हालांकि, दुर्घटनास्थल पर जीवन के कोई संकेत नहीं मिले हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक, हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद राष्ट्रपति रईसी के जीवित होने की उम्मीदें न के बराबर हैं।

बता दें कि अजरबैजान के जंगल में खराब मौसम की वजह से इब्राहिम रईसी के विमान की आपात लैंडिंग कराई गई थी, जिससे हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। कई घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद ईरान की जांच एजेंसियों को विमान का मलबा मिला। इसके बाद ईरानी मीडिया ने हेलीकॉप्टर हादसे में राष्ट्रपति और विदेश मंत्री की मौत की पुष्टि की। ईरानी रेड क्रिसेंट प्रमुख ने बताया कि बचाव टीमें दुर्घटनास्थल पर पहुंच चुकी हैं। इस हादसे में विमान का पूरा केबिन जलकर राख हो गया, जिसमें किसी के जिंदा होने के निशान नहीं मिले हैं। इस बीच ईरानी न्यूज एजेंसी ने बताया कि हादसे में किसी के बचने की कोई उम्मीद नहीं है, क्योंकि राष्ट्रपति का चॉपर पूरी तरह से तबाह हो गया।

ईरान के प्रेस टीवी के अनुसार, रेस्क्यू दल ने ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के हेलीकॉप्टर का पता लगा लिया है। दुर्घटनास्थल पर किसी भी जीवित व्यक्ति का कोई सुराग नहीं मिला है। आपको बता दें कि राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी पूर्वी अजरबैजान के दौरे गए थे। वे अपने विमान से राजधानी तेहरान लौट रहे थे, तभी उत्तर-पश्चिम में अजरबैजान देश की सीमा से सटे जुल्फा शहर के पास हादसा हो गया। उनके साथ हेलीकॉप्टर में विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन, पूर्वी अजरबैजान प्रांत के गवर्नर और अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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