Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

इराक से 31 भारतीयों के पार्थिव अवशेष अमृतसर पहुंचे

Published

on

Loading

अमृतसर, 2 अप्रैल (आईएएनएस)| इराक के मोसुल में 2014 में आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट (आईएस) द्वारा मारे गए 38 भारतीयों के पार्थिव अवशेष सोमवार दोपहर भारतीय वायुसेना के एक विशेष विमान से यहां पहुंचे।

विदेश राज्यमंत्री वी.के सिंह विमान में पार्थिव अवशेषों के साथ थे।

सिंह ने मीडिया से कहा, हम पीड़ितों का पता लगाने और शवों को जमीन से खोदकर निकालने में इराक की मदद के आभारी हैं। लापता भारतीयों की खोज के लिए भारत सरकार ने सर्वश्रेष्ठ प्रयास किए।

इस्लामिक स्टेट ने जून, 2014 में मोसुल पर कब्जा करने के बाद 39 भारतीयों की हत्या कर दी थी, लेकिन 38 भारतीयों के पार्थिव अवशेष ही वापस लाए गए हैं, क्योंकि एक शव की पहचान अभी भी बाकी है।

पंजाब के 27 और हिमाचल प्रदेश के चार लोगों के ताबूत अमृतसर हवाईअड्डे पर संबंधित अधिकारियों को सौंप दिए गए हैं, जबकि सात ताबूतों को पश्चिम बंगाल (3) और बिहार (4) ले जाने के लिए एक अन्य विमान उड़ान भरेगा।

पंजाब के सांस्कृतिक मामलों के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ताबूतों को लेने के लिए हवाईअड्डे पर उपस्थित थे। इसके साथ ही जिन-जिन राज्यों से मृतकों को संबंध था, उन राज्यों के अधिकारी भी हवाईअड्डे पर मौजूद थे।

अधिकारियों ने पीड़ितों के परिवारों से ताबूतों को न खोलने के लिए कहा है, क्योंकि मृतकों के अवशेष कब्रों से निकाले गए थे और उनसे जहरीले गैसों का उत्सर्जन हो सकता है।

अधिकांश ने हालांकि इस दिशानिर्देश को अस्वीकार कर दिया है और कहा है कि वे पारंपरिक तौर पर अवशेषों का अंतिम संस्कार करेंगे।

गौरतलब है कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने 20 मार्च को संसद को सूचित किया था कि इराक में मजदूरी कर रहे जिन 39 भारतीयों का 2014 में मोसुल से अपहरण हो गया था, उनकी हत्या हो गई है।

इससे पहले इराक से बच निकले हरजीत मसीह ने दावा किया था कि आईएस ने 39 भारतीयों की गोली मारकर हत्या कर दी है। इसके जबाव में विदेश मंत्री ने कहा था कि जब तक इस संबंध में कोई ठोस सबूत नहीं मिल जाता, वे किसी की मृत्यु की पुष्टि नहीं कर सकतीं।

Continue Reading

नेशनल

NDA की बैठक में बोले पीएम मोदी-हम विकास का नया अध्याय लिखेंगे

Published

on

Loading

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों के बाद आज एनडीए की बैठक हुई है. बैठक में सभी की नजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण पर टिकी थी. पीएम मोदी ने सभी सहयोगी दलों को धन्यवाद कहते हुए अपने भाषण की शुरुआत की.

एनडीए की संयुक्त बैठक में मोदी ने कहा, मेरे लिए खुशी की बात है कि इतने बहुत बड़े समूह का आज स्वागत करने का अवसर मिला है. जो साथी जीतकर आए हैं, वे अभिनंदन के अधिकारी हैं. लाखों कार्यकर्ताओं ने दिन-रात परिश्रम किया है. इतनी गर्मी में हर दल के कार्यकर्ता ने जो पुरुषार्थ और परिश्रम किया है, आज संविधान सदन के सेंट्रल हॉल से सिर झुकाकर प्रणाम करते हैं.

मोदी ने कहा, एनडीए सरकार में हम अगले 10 साल में गुड गवर्नेंस, विकास, सामान्य मानवीय जीवन में सरकार की दखल जितनी कम हो, उतना कम करने का प्रयास करेंगे. उसी से लोकतंत्र की मजबूती है. आज के टेक्नोलॉजी के युग में हम बदलाव चाहते हैं. मोदी ने कहा, हम विकास का नया अध्याय लिखेंगे. गुड गवर्नेंस का नया अध्याय लिखेंगे. जनता-जनार्दन की भागीदारी का नया अध्याय लिखेंगे और सब मिलकर के विकसित भारत के सपने को साकार करके रहेंगे.

मोदी का कहना था कि एनडीए सरकार ने देश को गुड गवर्नेंस दिया है और एक प्रकार से एनडीए कहते ही गुड गवर्नेंस का पर्यायवाची बन जाता है. हम सबके केंद्र बिंदु में गरीब कल्याण और गुड गवर्नेंस सर्वोपरि रहा है. जब भी सेवा करने का मौका मिला, एनडीए के प्रत्येक नेता ने पूरे भारत में सुशासन सुनिश्चित किया है. एनडीए सुशासन का पर्याय बन गया है.

मोदी ने कहा, पिछले 10 वर्षों में हमने देश को सफलता की नई ऊंचाइयों को छूने का काम किया. एनडीए के सभी नेतृत्व के बीच एक सामान्य बात मौजूद है- वो है सुशासन. मैं बहुत जिम्मेदारी के साथ कह रहा हूं कि अगले 10 साल में गुड गवर्नेंस, विकास, नागरिकों के जीवन में क्वॉलिटी ऑफ लाइफ… मेरा व्यक्तिगत रूप से एक ड्रीम है. सामान्य मानवी के जीवन में से सरकार की दखल जितनी कम होगी, उतनी ही लोकतंत्र की मजबूती होगी.

उन्होंने कहा, हम सबके केंद्र बिंदु में गरीब का कल्याण रहा है. देश ने एनडीए के गरीब कल्याण और गुड गवर्नेंस को देखा है. देश ने इसे जीया है. जनता जर्नादन ने सरकार क्या होती है, सरकार क्यों होती है और किसके लिए होती है. किसके लिए काम करती है, इसका अनुभव किया है. पहले एक खाई बनी रहती थी. हमका सबका प्रयास का मंत्र दिया और देश को ऊंचाई पर जाने के लिए चरितार्थ किया है.

मोदी ने कहा, सदन में किसी भी दल का कोई भी जनप्रतिनिधि होगा, मेरे लिए सब बराबर हैं. जब मैं सबके प्रयास की बात करता हूं तो सदन में भी हमारे लिए सब बराबर हैं. यही वो बात है, जिसके कारण एनडीए 30 से वजूद में हैं. सबको गले लगाने में कोई कमी नहीं रखी है. उसी का परिणाम है कि जनता का विश्वास हमारे साथ है.

मोदी ने कहा, मेरे लिए खुशी की बात है कि इतने बड़े समूह को आज मुझे यहां स्वागत करने का मौका मिला है. जो साथी विजयी होकर आए हैं वो सभी अभिनंदन के अधिकारी हैं, लेकिन जिन लाखों कार्यकर्ताओं ने दिन-रात परिश्रम किया है, इतनी भयंकर गर्मी में हर दल के कार्यकर्ता ने जो पुरुषार्थ और परिश्रम किया है, मैं आज उनको सिर झुकाकर नमन करता हूं. मैं राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सभी नेताओं का तहे दिल से स्वागत करता हूं.

उन्होंने कहा, हिंदुस्तान के इतने महान लोकतंत्र की ताकत देखिए कि एनडीए को आज देश के 22 राज्यों में लोगों ने सरकार बनाकर उनको सेवा करने का मौका दिया है. हमारा ये अलायंस सच्चे अर्थ में भारत की आत्मा है. मैं अपने निजी जीवन में जिम्मेदारी की गहरी भावना महसूस करता हूं. मैं जीवन में जिस चीज पर हमेशा जोर देता हूं- वो है विश्वास. आपने 2019 में मुझे अपना नेता चुना और आज 2024 में भी आपके चुने हुए नेता के रूप में यहां खड़े होकर मुझे लगता है कि हमारे बीच ‘विश्वास का पुल’ इतना मजबूत है. हिंदुस्तान की राजनीतिक इतिहास में और हिंदुस्तान की राजनीति के गठबंधन के इतिहास में प्री-पोल अलायंस इतना सफल कभी भी नहीं हुआ है, जितना कि एनडीए हुआ है. एनडीए के सत्ता प्राप्त करने का या सरकार चलाने का कुछ दलों का जमावड़ा नहीं है.

मोदी ने कहा, ये राष्ट्र प्रथम की मूल भावना से नेशन फर्स्ट के प्रति कमिटेड… वैसा ये समूह है. NDA सत्ता प्राप्त करने का या सरकार चलाने का कुछ दलों का जमावड़ा नहीं है. ये Nation-First के प्रति committed एक समूह है. आज एनडीए भारत की राजनीतिक व्यवस्था में एक जैविक गठबंधन के रूप में चमक रहा है.

इससे पहले मोदी ने कहा, आप जब सब मुझे एक बार फिर मुझे यह दायित्व देते हैं तो यह साबित होता है कि अटूट रिश्ता और विश्वास मजबूत धरातल पर है और ये मेरे लिए सबसे बड़ी पूंजी है. ये पल मेरे लिए भावुक करने वाले भी हैं. आप सबके प्रति जितना धन्यवाद करूं, उतना कम है. हमारा अलायंस सच्चे अर्थ में भारत की आत्मा, भारत की जड़ों में रचा-बसा है, उसका एक प्रतिबिंब है. देश में 10 ऐसे राज्य हैं, जहां हमारे आदिवासी बंधुओं की संख्या प्रभावी रूप से है. निर्णायक रूप से है. जहां आदिवासियों की संख्या ज्यादा है, वहां 7 राज्यों में एनडीए सेवा कर रहा है. हम सर्वपंत-समभाव से समर्पित हैं. गोवा हो या नॉर्थ ईस्ट, जहां बहुत बड़ी संख्या में ईसाई समाज रहता है, उन राज्यों में भी एनडीए को सेवा का अवसर मिला है.

Continue Reading

Trending