अन्तर्राष्ट्रीय
इराकी सुरक्षा बलों ने तिकरित को कब्जे में लिया
बगदाद| इराकी सुरक्षा बलों ने शिया सशस्त्र नागरिक सेना के सहयोग से तिकरित शहर को इस्लामिक स्टेट (आईएस) से मुक्त करा लिया है और इसे एक बार फिर अपने कब्जे में ले लिया है। ‘सीएनएन’ की रिपोर्ट के अनुसार, इराक के प्रधानमंत्री हैदर अल-अबादी बुधवार को इराकी सुरक्षा बलों की जीत का दावा करते हुए तिकरित पहुंचे। यह शहर एक साल तक आईएस के कब्जे में रहा। आईएस ने सालभर पहले इस पर कब्जा कर लिया था।
इराक के शीर्ष सैन्य कमांडर अल-अबादी ने मंगलवार को ही घोषणा की थी कि शहर अब इराकी सुरक्षा बलों के नियंत्रण में है।
तिकरित पर इराकी सुरक्षा बलों का दोबारा नियंत्रण अमेरिका के नेतृत्व में आईएस के खिलाफ किए गए हवाई हमलों के कुछ दिन बाद हुआ। अल-अबादी ने कहा कि अन्य इलाकों में भी इस प्रक्रिया को अपनाया जाएगा।
इस बीच, इराक में आईएस के खिलाफ हवाई हमले के लिए वैश्विक गठबंधन का नेतृत्व कर रहे अमेरिका के राष्ट्रपति के विशेष दूत ब्रेट मैक्गर्क ने ट्वीट कर कहा कि गठबंधन के हवाई हमलों ने आईएस के कई ठिकानों को नष्ट कर दिया।
अधिकारियों के अनुसार, तिरकित में इराकी सुरक्षा बलों की जीत से इराक के दूसरे सबसे बड़े शहर मोसुल को भी आईएस के कब्जे से मुक्त कराने की उम्मीद जगी है।
एक अमेरिकी अधिकारी ने फरवरी में कहा था कि मोसुल को एक बार फिर अपने कब्जे में लेने के लिए करीब 25,000 इराकी सैनिकों के अप्रैल या मई में वहां जाने की योजना है।
अन्तर्राष्ट्रीय
कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित
नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।
एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।
कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।
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