Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

इंद्राणी की जीवन कथा से असमी महिलाएं सदमे में

Published

on

इंद्राणी मुखर्जी उर्फ परी बोरा, सामाजिक कार्यकर्ता अकाशितोरा, पूर्वोत्तर

Loading

अरुणिम भूयां/करिश्मा सौरभ कलिता
गुवाहाटी/नई दिल्ली| सामाजिक मूल्यों और पारिवारिक रिश्तों के ताने-बाने में गुथे समाज के लिए, खासतौर से असमी महिलाओं में, इंद्राणी मुखर्जी, उर्फ परी बोरा की जीवन गाथा भय और सदमे का पर्याय बन गई है। जानी-मानी कलाकार और सामाजिक कार्यकर्ता अकाशितोरा ने गुवाहाटी से फोन पर कहा, “यह अत्यंत डरावना है।” उन्होंने कहा, “मैंने अपने पूरे जीवन में महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर काम किया है लेकिन मैंने ऐसा इसके पहले नहीं देखा।” उन्होंने कहा कि असम की महिलाएं विनम्रता और स्वाभिमानी स्वभाव के लिए जानी जाती हैं। सिर्फ असम की नहीं बल्कि पूर्वोत्तर भर में महिलाएं स्वतंत्र स्वभाव की हैं।

अकाशितोरा ने कहा, “महत्वाकांक्षा अच्छी बात है, लेकिन लक्ष्य पाने के लिए रास्ते का चुनाव करना अलग बात है। अगर जो कहा जा रहा है, वह सच है तो इंद्राणी ने शालीनता और विनम्रता के सभी अर्थ बेमानी कर दिए हैं।” असम में माता-पिता अपने बच्चों को सब कुछ देते हैं, ताकि उनके बच्चे अच्छी तरह बड़े हों। उन्होंने कहा, “मैं समझती हूं कि वह बहुत असुरक्षित थीं। लेकिन उनके जीवन में जो हुआ, वह एक बात है। उन्होंने जो अपनी बेटी के साथ किया, वह बिल्कुल चकित करने वाला है। मेरे पिता की भी आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी। क्या मैं आतंकवादी बन गई? मैं पूर्ण रूप से एक सामाजिक कार्यकर्ता बनी।”

बेंगलुरू में एक मानव संसाधन कंपनी में महाप्रबंधक संयुक्ता शर्मा ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए आईएएनएस से कहा, “असम का समाज घनिष्ठ पारिवारिक मूल्यों के लिए जाना जाता है। महिलाएं पहली प्राथमिकता परिवार को देती हैं और फिर आखिर में खुद को। मैंने अपनी मां और सास को देखा है।” स्वतंत्र पत्रकार और लेखिका रश्मि नर्जरी ने कहा कि अंतहीन महत्वकांक्षा ही इस मामले की जड़ है। लोगों को अपनी आकांक्षाएं पूरी करने के लिए दूसरों की भावनाओं के साथ नहीं खेलना चाहिए। यह बिल्कुल घृणित है।

गुवाहाटी में एक स्कूल चला रहीं सुरमंजरी काकाती ने कहा कि एक मां का अपनी ही बेटी की हत्या करना न सिर्फ असम की महिलाओं के लिए, बल्कि सभी महिलाओं के लिए शर्मनाक है। गुवाहाटी के हांडिक कॉलेज में अंग्रेजी की प्रोफेसर श्रुतिमाला सैकिया ने कहा कि गुवाहाटी के सेंट मैरी स्कूल में पढ़ाई के दौरान इंद्राणी उनसे दो वर्ष जूनियर थीं। उन्होंने कहा, “किसी महिला द्वारा समाज में रुतबा हासिल करने के लिए शादी को माध्यम बनाना असम में शायद ही होता है।” उन्होंने कहा कि पुलिस को जल्द से जल्द इस मामले की तह तक जाना चाहिए।

नेशनल

दिल्ली बनी आग की भट्ठी, टूट गए सारे रिकार्ड, पारा 52 डिग्री के पार

Published

on

Loading

नई दिल्ली। दिल्ली में गर्मी के सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। यहाँ पारा 52 डिग्री को भी पार कर गया है। मौसम विभाग के मुताबिक, बुधवार को दोपहर ढाई बजे मुंगेशपुर में 52 डिग्री से ज्यादा तापमान दर्ज किया गया है। जब दिल्ली के मंगेशपुर में तापमान 52.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, उस वक्त का औसत तापमान- 45.8 डिग्री था।

मौसम विभाग के अनुसार अब तक राजधानी में इतना अधिक तापमान कभी दर्ज नहीं किया गया। इससे पहले 15 मई, 2022 को दिल्ली में कॉमनवेल्थ स्पोर्टस कॉम्प्लेक्स का तापमान 49.2 डिग्री तक पहुंचा था। मौसम विभाग ने बताया कि बुधवार को भी इसी तरह की गर्मी रह सकती है। बुधवार के लिए गर्मी का रेड अलर्ट जारी किया गया है। इसके बाद तापमान में कुछ कमी आएगी, लेकिन उमस भरी गर्मी लोगों की परेशानियां बढ़ा देगी। 31 मई और 1 जून को बूंदाबांदी होने की संभावना है।

मौसम विभाग के क्षेत्रीय प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा कि नजफगढ़ और मुंगेशपुर में इतना अधिक तापमान दर्ज किया गया, क्योंकि ये शहर के बाहरी इलाके थे। उन्होंने कहा, “दूसरा कारण हवा की दिशा है। जब हवा पश्चिम से चलती है तो उन क्षेत्रों को सबसे पहले प्रभावित करती है। चूंकि वे बाहरी इलाके में हैं, तापमान तेजी से बढ़ता है।” श्रीवास्तव ने कहा कि शहर में लू का प्रकोप अगले कुछ दिनों तक जारी रहेगा।

मौसम विभाग और डॉक्टरों ने जरूरी काम न हो तो घरों से बाहर न निकलने की सलाह दी है। लोग घरों में ही रहें तो लू की चपेट में आने से बच सकते हैं। साथ ही खुद को ठंडा रखने के लिए पानी, नींबू पानी पीते रहें। अगर दोपहर में घर से बार जाना है तो खुद को ढककर निकलें, ताकि लू से बचा जा सके।

Continue Reading

Trending