Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

आम बजटः कुछ मीठे तो कुछ कड़वे घूंट

Published

on

नई-दिल्ली,मंत्री-अरुण-जेटली,संसद,अर्थव्यवस्थाएं,स्वच्छ-भारत,आईएफसी,आईआरडीए,म्यांमार,लाओस

Loading

नई दिल्‍ली। अब इसे आंकड़ों की बाजीगरी कहें या कुछ करने का इरादा, वैसे इस बजट को राजग सरकार के मजबूत जनादेश का परिणाम भी कहा जा सकता है जिसमें भारत के सबसे बड़े मतदाता वर्ग यानी कि मध्‍य वर्ग के खुश होने को कुछ भी नहीं है। बड़ा सवाल है आखिर क्‍यों? क्‍या मोदी सरकार एक चुनावी बजट नहीं पेश कर सकती थी? या वास्‍तव में पीएम मोदी जैसा कहते आए हैं कि हमारी सरकार गरीबों की सरकार है उसको वास्‍तविकता के धरातल पर लाना चाहते हैं। विरोधी कह रहे हैं कि यह बजट उद्योगपतियों का बजट है। मुझे समझ में नहीं आता कि क्‍या बाकी सारे दल जब उनकी सरकार होती है तो उद्योगपतियों को साधने का प्रयास नहीं करते?

समझने वाली बात यह है कि देश में सरकारी नौकरियों की तुलना में बीस गुना से ज्‍यादा लोग प्राइवेट संस्‍थानों में काम करते हैं। मैं इसके विस्‍तार में नहीं जाना चाहता लेकिन एक बात जरूर कहना चाहता हूं कि यदि किसी भी देश में व्‍यापार करने की सुविधाएं नहीं रहेंगी तो वहां का आर्थिक विकास कभी भी संभव नहीं है। एक बड़ा उद्योग लगने से प्रत्‍यक्ष और अप्रत्‍यक्ष रूप से हजारों लोगों की आजीविका उससे चलती है। सरकार का काम प्राप्‍त राजस्‍व से ढांचागत सुधार व अन्‍य कल्‍याण कार्यक्रमों को चलाना होता है।

बजट में कुछ ऐसी बाते हैं जिनकी तारीफ होनी चाहिए और कुछ न होने की निंदा। सबसे पहले निंदा ही करता हूं, सर्विस टैक्‍स बढ़ाकर सरकार ने गलत किया है, इससे मंहगाई पर काबू पाने की सरकार की कोशिशों को ब्रेक लग सकता है। आयकर स्‍लैब में कोई फेरबदल न करना भी आलोचना का एक मुद्दा बन सकता है। वैसे इस देश में आयकर देने वालों की संख्‍या बहुत ही कम है और कुछ समय पहले अरूण जेटली आयकर को पूरी तरह हटाकर कुछ और व्‍यवस्‍था लाने की वकालत कर चुके हैं।

अब बात तारीफ की, तो इस बजट में युवाओं, महिलाओं, गांव और गरीब सबके लिए कुछ न कुछ है। कुछ घोषणाओं को उद्धरित करता हूं- निर्भया फंड में बढ़ोत्‍तरी, ग्राम सिंचाई योजना, 2022 तक हर घर में एक जॉब, 2020 तक बीस हजार गांवों में बिजली, 2022 तक सबको पक्‍के मकान, स्‍वच्‍छ भारत अभियान के तहत देश भर में छह करोड़ शौचालयों का निर्माण, अटल पेशन योजना, गरीबों को 12 रूपये के सालाना प्रीमियम पर दो लाख का बीमा कवर आदि कुछ ऐसी योजनाएं हैं जिस पर मोदी सरकार अपनी पीठ थपथपा सकती है।budget 2015-16 india

वैसे मुझे बजट की जो सबसे अच्‍छी बात लगी वह यह कि बजट दीर्घावधि के लिए बनाया गया है। अल्‍पा‍वधि में क्षुद्र राजनीतिक स्‍वार्थों की पूर्ति के लिए यह बजट नहीं है और इसका लाभ भी आम जनता तो दीर्घ अवधि में ही समझ में आएगा। इसीलिए मनमोहन सिंह जैसे अर्थशास्‍त्री को भी विरोधी होने के बावजूद यह कहना पड़ा कि इरादे तो अच्‍छें हैं लेकिन क्रियान्‍वयन का कोई रोडमैप नहीं। मुझे भी लगभग यही बात कहनी है कि मोदी सरकार को चाहे वह रेल बजट हो या आम बजट अथवा अन्‍य कोई योजना, क्रियान्‍वयन पर विशेष ध्‍यान देना होगा। बिना किसी दबाव या हिचक के सुधार कार्यक्रमों को आगे बढ़ाते रहिए क्‍योंकि कोशिश करने वालों को मिलती है मंजिल और मिलेगी ही इंशाअल्‍लाह।

नेशनल

‘जल्द करनी पड़ेगी शादी’, राहुल गांधी ने मंच से किया एलान

Published

on

Loading

रायबरेली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी चुनाव प्रचार के लिए आज रायबरेली पहुंचे। जहां उन्होंने जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान राहुल गांधी से जनता में से किसी ने शादी को लेकर सवाल पूछा जिस पर राहुल गांधी ने कहा कि मेरी बहन प्रियंका गांधी मेरी मदद के लिए यहां अपना खून पसीना आपको दे रही है। जिस पर प्रियंका गांधी ने राहुल गांधी से शादी के सवाल की तरफ इशारा करते हुए कहा कि पहले इस सवाल का जवाब दो। जिसके जवाब में मुस्कुराते हुए राहुल गांधी ने कहा कि अब जल्द ही करनी पड़ेगी।

इस दौरान राहुल गांधी ने जनसभा को संबोधित बताया कि किस वजह से वो रायबरेली से चुनाव लड़ने आएं हैं। उन्होंने कहा, ‘कुछ दिन पहले मैं मां (सोनिया गांधी) के साथ बैठा था। मैंने मां से कहा कि एक-दो साल पहले मैंने एक वीडियो में कह दिया कि मेरी दो माता थी एक सोनिया गांधी और दूसरी इंदिरा गांधी। मेरी दोनों माताओं की ये कर्म भूमि है इसलिए मैं यहां रायबरेली से चुनाव लड़ने आया हूं।

राहुल गांधी ने आगे कहा कि कांग्रेस की सरकार आते ही कर्जा माफ करना पहला काम होगा। दूसरा काम किसानो के लिए कानूनी सपोर्ट प्राइस लेके आयंगे। राहुल गांधी ने तीसरा काम गिनाते हुए कहा कि किसानो को 30 दिन के अंदर बीमा का पैसा देना तीसरा काम होगा।

राहुल गांधी ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि बीजेपी के नेताओं ने साफ कहा की अगर चुनाव जीते तो संविधान को बदल देंगे। संविधान के बिना अडानी और अंबानी की सरकार होगी। आरक्षण और आपको जो भी चीजे मिलती है वो सब खत्म हो जाएंगी। राहुल गांधी ने आगे कहा कि संविधान खत्म होने से आपका रास्ता खत्म हो जाएगा. ये लड़ाई संविधान को बचाने की है।

Continue Reading

Trending