मुख्य समाचार
आम आदमी पार्टी ‘बीमार’ या उसका नेता?
नई दिल्ली। कहते हैं सफलता पाने से भी ज्यादा कठिन है सफलता को हजम करना या पचाना, आम आदमी पार्टी की स्थिति आज वही दिख रही है। दिल्ली विधानसभा चुनावों में मिली प्रचंड सफलता को पार्टी का शीर्ष नेतृत्व हजम नहीं कर पा रहा है। योगेंद्र यादव, प्रशातं भूषण और शांति भूषण जैसे संस्थापक सदस्यों को जिस तरह के आरोपों में पार्टी की राजनैतिक मामलों की समिति से निकाला गया वह हर मायने में गंभीर है।
नैतिकता और अन्य राजनैतिक दलों से अलग हटकर काम करने के बड़े-बड़े दावों के साथ जिस पार्टी का उदय हुआ था, वहां जिस तरह से अनैतिक क्रियाकलाप दिखाई दे रहे हैं उससे तो यही लगता है कि दिल्ली के मतदाताओं ने बड़ा धोखा खाया है।
पार्टी में सही-गलत या आरोप-प्रत्यारोप के पचड़े में पड़ने के बजाय सबसे बड़ा सवाल यही है कि दिल्ली के मतदाताओं ने जिस उत्साह और विश्वास के साथ भाजपा और कांग्रेस जैसी बड़ी व पुरानी पार्टियों को नकारकर आम आदमी पार्टी को सत्ता सौंपी थी क्या उन मतदाताओं के साथ विश्वासघात हो रहा है? और अगर हो रहा है तो उसका जिम्मेदार कौन है?
ताजा घटनाक्रम में आम आदमी पार्टी की एक और अहम सदस्य अंजलि दमानियां ने पार्टी के सर्वेसर्वा अरविंद केजरीवाल पर गंभीर आरोप लगाते हुए पार्टी से त्यागपत्र दे दिया है, दूसरी तरफ योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने भी कार्यकर्ताओं के नाम जारी चिट्ठी में केजरीवाल पर काफी गंभीर आरोप लगाए हैं। यदि इन आरोपों में जरा सी भी सच्चाई है तो दिल्ली का मतदाता तो ठगा गया। उसे इस ड्रामे को देख कर जरूर अपने निर्णय पर पछतावा हो रहा होगा।
आश्चर्य यह है पार्टी का ‘बीमार’ मुखिया पार्टी की इस ‘बीमारी’ पर कोई जवाब नहीं दे रहा है। यह वही आम आदमी पार्टी और उसके मुखिया केजरीवाल हैं जो यदि किसी पर आरोप भी लगा देते थे तो उससे इस्तीफे की उम्मीद ही नहीं बल्कि दबाव भी डालते थे। नितिन गडकरी पर आरोप लगाने के बाद उनसे समझौता कर लेने वाले केजरीवाल क्या जनता को यह बताएंगे कि अब उन आरोपों से जो असर जनता पर पड़ा उसका क्या होगा? क्या जनता उनके झूठे आरोपों के लिए उनका गिरेबान पकड़ेगी?
लेकिन सवाल उससे भी आगे का है, सवाल दिल्ली की जनता से है। दिल्ली की जनता या देश के किसी भी हिस्से की जनता को सिर्फ मुफ्त चीजों के वायदे पर अपने नेता का चुनाव करना चाहिए या ओके, टेस्टेड लोगों को मौका देना चाहिए। कांग्रेस के कुशासन से ऊबी जनता को क्या आम आदमी पार्टी में ही विकल्प दिखाई दिया? क्या ऐसे दल को जनता को पूर्ण बहुमत नहीं देना चाहिए था जहां पर सभी की जवाबदेही तय है? आम आदमी पार्टी या उन जैसे किसी भी क्षेत्रीय दल को बहुमत देने का मतलब है कि किसी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को मौका देना।
देश के वर्तमान हालात को देखते हुए यह फैसला भी जनता को ही लेना होगा कि वह ऐसे बहरूपिये टाइप के तथाकथित नेताओं को अपना रहनुमा चुनती है या ऐसे लोगों को जो वास्तव में इस देश की सेवा करना चाहते हैं। फैसला तो जनता को ही करना होगा क्योंकि वही तो ‘जनार्दन’ है।
उत्तर प्रदेश
कन्नौज में बोले सीएम योगी- उत्तर प्रदेश की 80 में से 80 सीटों पर कमल का फूल खिलाएंगे
कन्नौज। देश में तीन चरणों के मतदान संपन्न हो चुके हैं। चौथे चरण में सोमवार को वोट डाले जाएंगे। इसके लिए सभी पार्टियां जी जान से चुनाव प्रचार में लगी हुई हैं। इस बीच यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कन्नौज में एक जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि पूरे देश और इस राज्य की जनता ने अपना मन बना लिया है। हम उत्तर प्रदेश की 80 में से 80 सीटों पर कमल का फूल खिलाएंगे और उसकी माला बनाकर माननीय प्रधानमंत्री के गले में पहनाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने देश में 400 से भी ऊपर सीटें जीतने का दावा किया।
उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए आगे कहा कि ये नया भारत केवल बोलता ही नहीं है करके दिखाता है। भाजपा ने कहा था कि रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे। तब समाजवादी पार्टी के लोग रामभक्तों पर गोलियां चलाते थे। बोलते थे परिंदा भी पर नहीं मार सकता लेकिन हमने आज मंदिर वहीं बनाकर दिखाया है। 500 सालों बाद इस वर्ष पहली बार प्रभु श्री राम ने अयोध्या की इस पावन धरती पर होली भी खेली और अपना जन्मदिन भी मनाया है। पहली बार भगवान राम का सूर्य तिलक भी हुआ है। ये अद्भुत घटनाएं भारत में कभी-कभी होती है और हम सौभाग्यशाली है जो इन घटनाओं को अपनी आंखों के सामने होते हुए देख रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वे कन्नौज से चुनाव इसलिए लड़ रहे हैं कि इंडी गठबंधन को यहां प्रत्याशी नहीं मिल रहा था। सपा अध्यक्ष कह रहे हैं कि सेवा करना चाहता हूं। जब मौका था, तब कन्नौज के इत्र में बदबू फैलाने का काम कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने अखिलेश से कन्नौज के लड़ने का कारण बताया। सीएम योगी ने कहा, उम्मीदवार ढूंढे नहीं मिल रहे थे, तो उन्होंने खुद दांव आजमा लिया। पहले को टिकट दिया, फिर उसका टिकट काट दिया, दूसरे को दिया तो वह मैदान छोड़कर भाग गया। तीसरे की घोषणा की तो वह मना कर दिया। जब कोई नहीं मिला तो खुद लड़ने चले आए।
योगी ने कहा, जब मौका मिला तब बदबू फैला रहे थे। हर दूसरे दिन यूपी में दंगा कराते थे। इनके शासन में बेटियों-व्यापारियों की सुरक्षा से खिलवाड़ होता था। गरीबों के हकों पर डकैती पड़ती थी। मुख्यमंत्री आवास बुलाकर दंगाइयों का महिमामंडन करते थे, लेकिन अब नए भारत का नया उप्र दंगाइयों व कर्फ्यू लगाने वालों से कैसे निपटता है, यह आप भी देख रहे होंगे। सीएम योगी ने कहा कि नए भारत में सुरक्षा, गरीब कल्याण, विकास, विरासत और आस्था का सम्मान है। सपा रामभक्तों पर गोली चलाती थी, आतंकियों के मुकदमे वापस लेती थी और भाजपा राम मंदिर बनवाती है। आपने वोट देकर भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली व लखनऊ सरकार को चुना है, इसलिए आपके योगदान की बदौलत अयोध्या में 500 वर्ष के बाद भव्य राम मंदिर का निर्माण हुआ है।
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