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खेल-कूद

आईपीएल मामला : मयप्पन सट्टेबाजी में संलिप्त, श्रीनिवासन आरोपमुक्त

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नई दिल्ली| इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 2013 संस्करण से जुड़े स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी मामले की जांच के लिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित न्यायाधीश मुकुल मुद्गल की अध्यक्षता वाली समिति ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन को क्लीन चिट दे दी है लेकिन उनके दामाद गुरुनाथ मयप्पन को सट्टेबाजी में संलिप्त बताया है। मयप्पन को स्पॉट फिक्सिंग मामले में निर्दोष कहा गया है, लेकिन सट्टेबाजी में लिप्त बताया गया है। रिपोर्ट में मयप्पन को प्रथम व्यक्ति के रूप में चिह्नित किया गया है। इससे मयप्पन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं जबकि हाल ही में आईसीसी अध्यक्ष चुने गए श्रीनिवासन, बीसीसीआई में फिर से अपनी पुरानी स्थिति पाने में सफल रहेंगे।

सोमवार को जारी समिति की विस्तृत रिपोर्ट में कहा गया है, “श्रीनिवासन मैच फिक्सिंग में संल्पित नहीं पाए गए और न ही वह मैच फिक्सिंग की जांच पर पर्दा डालने में शामिल पाए गए।” रिपोर्ट में श्रीनिवासन को 13वें व्यक्ति के रूप मे चिह्नित किया गया है। रिपोर्ट में हालांकि कहा गया है कि श्रीनिवासन और बीसीसीआई के चार अधिकारियों को तीसरे व्यक्ति के रूप में चिह्नित एक खिलाड़ी द्वारा आचार संहिता का उल्लंघन किए जाने की जानकारी थी, लेकिन उन्होंने उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।

रिपोर्ट में श्रीनिवासन के बारे में कहा गया है, “इस व्यक्ति (श्रीनिवासन) और बीसीसीआई के चार अन्य अधिकारियों को तीसरे व्यक्ति द्वारा आचार संहिता का उल्लंघन किए जाने के बारे में पता था, लेकिन उपरोक्त अधिकारियों ने तीसरे व्यक्ति के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।” रिपोर्ट में आईपीएल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुंदर रमन को व्यक्ति-12 के रूप में चिह्नित किया गया है। रिपोर्ट में सुंदर रमन के बारे में कहा गया है, “इस व्यक्ति (सुंदर रमन) ने पहले व्यक्ति (मयप्पन) और 11वें व्यक्ति (राजस्थान रॉयल्स के सह मालिक राज कुंद्रा) के संबंध में स्वीकार किया है कि उन्हें दोनों व्यक्तियों के सट्टेबाजी गतिविधि में शामिल होने की खबर थी, लेकिन उन्हें आईसीसी- भ्रष्टाचार निरोधी इकाई ने बताया था कि इस सूचना पर कार्रवाई नहीं की जा सकती। सुंदर रमन ने यह स्वीकार किया है कि उक्त सूचना किसी अन्य व्यक्ति को नहीं दी गई थी।”

बीसीसीआई की भ्रष्टाचार निरोधी एवं सुरक्षा इकाई के प्रमुख रॉनी फ्लानागन हैं। समिति ने यह भी कहा कि राजस्थान रॉयल्स टीम के सहमालिक राज कुंद्रा लगातार सटोरियों के सम्पर्क में रहे हैं। मयप्पन के संदर्भ में मुद्गल समिति ने लिखा है, “जांच से पुष्टि हुई है कि यह व्यक्ति (मयप्पन) एक टीम का अधिकारी रहा है। यह लगातार किसी दूसरे व्यक्ति से अपने होटल के कमरे में मिलता रहा है। इसी से समिति ने पता लगाया कि इस व्यक्ति का दूसरे व्यक्ति के करीबी रिश्ता रहा है। ”

“आवाज की फोरेंसिक रिपोर्ट से इस बात की पुष्टि होती है कि यह लगातार किसी ऐसे व्यक्ति से बात करता रहा है, जो सटोरियों के सम्पर्क में रहा है। 8.2. 2014 और 9.2.2014 को जारी आवाज के नमूनो से पता चलता है कि यह व्यक्ति सट्टेबाजी में शामिल रहा है।” रिपोर्ट में कहा गया है कि समिति का मानना है कि “वैज्ञानिक साक्ष्यों और जांच दल द्वारा दर्ज सुरक्षाकर्मियों की गवाही के आधार पर व्यक्ति-1 (मयप्पन) के सट्टेबाजी गतिविधियों में शामिल होने और टीम के अधिकारी होने की पुष्टि हुई है।”

खेल-कूद

NADA ने रेसलर बजरंग पुनिया को अनिश्चित काल के लिए किया निलंबित, ये है वजह

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नई दिल्ली। राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने पहलवान बजरंग पुनिया को अनिश्चित काल के लिए निलंबित कर दिया। इस कार्रवाई से बजरंग के पेरिस ओलंपिक में खेलने के सपने पर संकट के बादल छाए हैं। जानकारी के अनुसार बजरंग पुनिया 10 मार्च को सोनीपत में हुए चयन ट्रायल के लिए अपना सैंपल देने में विफल रहे, जिसके बाद नाडा ने उन्हें भविष्य के किसी भी कार्यक्रम में भाग लेने से निलंबित करने का आदेश जारी किया।

भाजपा के पूर्व सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वालों में पुनिया, ओलंपियन साक्षी मलिक और विनेश सहित अन्य शीर्ष पहलवानों की कतार में सबसे आगे थे। निलंबन के बाद टोक्यो ओलंपिक में देश को कांस्य पदक दिलाने वाले पुनिया को इस महीने के अंत में होने वाले चयन ट्रायल में भाग लेने से रोक दिए जाने की संभावना है। 65 किग्रा वर्ग में अभी तक किसी भी भारतीय ने ओलंपिक कोटा नहीं जीता है।

निलंबन पत्र वर्ल्ड यूनाइटेड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) द्वारा मान्यता प्राप्त भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) की भंग हो चुकी तदर्थ समिति को भेजा गया था। वहीं, बजरंग ने कुछ महीने पहले एक वीडियो जारी कर डोप कलेक्शन किट के एक्पायर होने का आरोप लगाया था। उन्होंने डोप नियंत्रण अधिकारी के निर्देश की अवहेलना की और दावा किया कि नाडा अधिकारियों ने अभी तक उनकी चिंताओं का समाधान नहीं किया है।

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