अन्तर्राष्ट्रीय
आईएस के खिलाफ एकजुटता का संयुक्त राष्ट्र का आह्वान
लंदन। संयुक्त राष्ट्र ने आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के खिलाफ दुनिया को एकजुट होने का आह्वान किया है। समाचार पत्र इंडिपेंडेंट द्वारा शनिवार को जारी रपट के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र ने आईएस को परास्त करने के लिए दुनिया की एकजुटता का आह्वान करने वाले एक प्रस्ताव को आमसहमति से पारित किया है। संयुक्त राष्ट्र ने सदस्य देशों से आह्वान किया है कि वे इराक और सीरिया में आईएस के सुरक्षित ठिकानों को समाप्त करने और संगठन की आतंकवादी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए अपने प्रयासों को समन्वित करें।
प्रस्ताव में राष्ट्रों का आह्वान किया गया है कि आईएस द्वारा जारी आतंकवादी गतिविधियों को कुचलने और रोकने के अपने प्रयासों को दोगुना और समन्वित करने के लिए क्षमतानुसार सभी आवश्यक कदम उठाएं। प्रस्ताव में आईएस के आतंकवादियों को अंतर्राष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के लिए एक वैश्विक और अभूतपूर्व खतरा बताया गया है।
प्रस्ताव में संयुक्त राष्ट्र के अध्याय-7 को लागू नहीं किया गया है, जो खासतौर से किसी संप्रभु देश की सीमा के अंदर बाहरी सैन्य बल के इस्तेमाल का अधिकार देता है। यह स्पष्ट तौर पर इस तरीके से तैयार किया गया है कि देशों को आईएस को निशाना बनाने और इसे समाप्त करने के लिए अतिरिक्त राजनयिक और राजनीतिक संरक्षण प्रदान करता है।
संयुक्त राष्ट्र ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है, जब पेरिस के बाद माली में हुए एक अन्य आतंकवादी हमले को दुनिया ने देखा है। यहां इस्लामी आतंकवादियों ने राजधानी बमाको में स्थित एक होटल पर धावा बोला और संक्षिप्त समय के लिए 170 लोगों को बंधक बना लिया। बंधकों में चीन, फ्रांस और अमेरिका के नागरिक शामिल थे।
अन्तर्राष्ट्रीय
कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित
नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।
एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।
कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।
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