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अहमद वंचितों के कल्याण के लिए निरंतर प्रयासरत रहे : राष्ट्रपति
नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बुधवार को केरल से आईयूएमएल के सासंद ई.अहमद के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि वह वंचितों के कल्याण के लिए निरंतर प्रयासरत रहे। मुखर्जी ने ट्वीट कर उन्हें अपना दीर्घकालिक मित्र और सहकर्मी करार देते हुए कहा, “आईयूएमएल अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री एवं सासंद ई.अहमद के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।”
मुखर्जी ने कहा कि देश के प्रति अहमद की सेवा को लंबे समय तक याद किया जाएगा।
पीएम मोदी ने भी जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ई. अहमद के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि उन्होंने देश की अथक सेवा की। मोदी ने ट्वीट किया, “वरिष्ठ नेता ई. अहमद के निधन के बारे में जानकर दुख हुआ। उन्होंने देश की अथक सेवा की।”
मोदी के अनुसार, “ई. अहमद ने केरल की प्रगति की दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास किए। पश्चिम एशिया के साथ भारत के संबंधों को मजबूत बनाने में उनकी भूमिका उल्लेखनीय थी।”
उन्होंने आगे लिखा, “मुस्लिम समुदाय के सशक्तिकरण के लिए ई. अहमद के सतत प्रयासों को याद किया जाएगा।”
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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