अन्तर्राष्ट्रीय
‘अवैध’ मतदान ने पॉपुलर वोट में जीत से वंचित किया : ट्रंप
वाशिंगटन | अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कांग्रेस के नेताओं के साथ चर्चा के दौरान दावा किया कि ‘अवैध’ मतदान के कारण उन्हें पॉपुलर वोट में जीत हासिल नहीं हुई। एनबीसी न्यूज की मंगलवार की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार रात को ट्रंप की चर्चा चुनाव अभियान के कानूनी प्रतिकार के इर्द-गिर्द केंद्रित रही।
एनबीसी न्यूज के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि ट्रंप ने व्हाइट हाउस में कांग्रेस सदस्यों के साथ अपनी द्विदलीय बैठक के पहले 10 मिनट में चुनाव प्रचार अभियान और चुनाव में 30 से 50 लाख ‘अवैध लोगों’ द्वारा वोट करने के कारण उन्हें पॉपुलर वोट में हुए नुकसान के बारे में बात की।
कांग्रेस सदस्यों के साथ बैठक को औपचारिक के स्थान पर सामान्य बातचीत बताया गया है। सीनेट में बहुमत के नेता मिच मैक्कॉनल ने कहा कि यह हल्की फुल्की बातचीत थी।
ट्रंप ने बैठक के बाद प्रतिनिधि सभा के स्पीकर पॉल रयान से निजी मुलाकात की।
रयान के कार्यालय के अनुसार बैठक में ‘एफोर्डेबल केयर एक्ट’ को निरस्त किए जाने और नए प्रशासन के अन्य एजेंडों सहित महत्वपूर्ण और व्यापक विषयों पर चर्चा की गई।
कार्यालय के एक प्रवक्ता ने बयान में कहा, “स्पीकर और राष्ट्रपति ट्रंप अर्थव्यवस्था और देश के विकास को वापस पटरी पर लाने के लिए अपने साझा एजेंडे पर आगे बढ़ने को उत्सुक हैं।”
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’
नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।
रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”
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