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अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिकी प्रशासन ने डाटा लीक मामले में फेसबुक की जांच की पुष्टि की

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न्यूयॉर्क, 27 मार्च (आईएएनएस)| अमेरिकी फेडरल ट्रेड कमिशन ने सोमवार को इस बात की पुष्टि की कि राजनीतिक विश्लेषक कंपनी कैम्ब्रिज एनालिटिका को करीब पांच करोड़ यूजर्स का डाटा लीक किए जाने के मामले में फेसबुक की जांच की जा रही है।

एफटीसी ने कहा कि उसने फेसबुक की गोपनीयता से जुड़ी कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करती हालिया मीडिया रिपोर्ट्स को बेहद गंभीरता से लिया है।

एफटीसी ब्यूरो ऑफ कंज्यूमर प्रोटेक्शन के कार्यवाहक निदेशक टॉम पाल ने कहा, आज, एफटीसी इस बात की पुष्टि करता है कि इन कार्यप्रणालियों की गैर सार्वजनिक जांच जारी है।

टॉम पाल ने इस बात पर जोर दिया कि एजेंसी यूजर्स के डाटा की सुरक्षा के लिए सभी साधनों का प्रयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है और ऐसा एक प्रमुख साधन डाटा की गोपनीयता शर्तो को पूरा न करने वाली या कानून का उल्लंघन करने वाली कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करना है।

एक सप्ताह पूर्व लाखों यूजर्स का डाटा लीक होने की बात उजागर होने के बाद आई खबरों में कहा गया था कि एफटीसी इस मामले की जांच कर रहा है।

सोमवार को एफटीसी की इस घोषणा के बाद फेसबुक के शेयरों में 6 प्रतिशत की गिरावट आ गई।

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अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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