अन्तर्राष्ट्रीय
अमेरिका में भारतीय कारोबारी की हत्या
न्यूजर्सी। अमेरिका में भारतीयों पर हमलों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। यहां के न्यूजर्सी में भारतीय मूल के 28 वर्षीय कारोबारी अमित पटेल की अज्ञात हमलावर ने गोली मारकर हत्या कर दी। घटना रविवार की है। इससे पहले अलबामा में एक भारतीय बुजुर्ग की अमेरिका पुलिसकर्मियों ने बेरहमी से पीटा था, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हगए।
पुलिस के मुताबिक, अमित पटेल रविवार को अपने पिता की शराब की दुकान में अकेले थे तभी हमलावरों ने उन पर करीब से गोली चलाई। उन्होंने बताया कि दुकान को कोई नुकसान नहीं पहुंचा और न ही लूटपाट की गई और सिर्फ करीब से एक गोली चलाई गई। वारदात लूटपाट के इरादे से हुई या इसके पीछे कोई और वजह है, इस पर पुलिस निश्चित तौर पर कुछ भी कहने से बच रही है। हमलावर का सुराग पाने के लिए सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है। कार्यवाहक एसेक्स काउंटी अभियोजक केरोलीन ए मुरी और कार्यवाहक इरविंगटन पुलिस निदेशक मुसा मलिक ने बताया कि पुलिस जब दुकान में पहुंची, तब उसने पाया कि पटेल को गोली लगी हुई है। उन्हें बाद में मृत घोषित कर दिया गया। मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।
अमित की एक साल पहले ही शादी हुई थी। उल्लेखनीय है कि कुछ दिनों पहले ही अलबामा में अमेरिकी पुलिस की पिटाई के कारण भारतीय सुरेश भाई पटेल पक्षाघात का शिकार हो गए। इस पुलिस अधिकारी को सस्पेंड किया जा चुका है।
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’
नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।
रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”
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