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अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिका ने फिर कहा, कश्मीर द्विपक्षीय मुद्दा

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जॉन किर्बी

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 जॉन किर्बी वाशिंगटन| भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच अमेरिका ने एक बार फिर कहा कि कश्मीर दो दक्षिण एशियाई देशों के बीच द्विपक्षीय मुद्दा है। अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने गुरुवार को यहां एक दैनिक प्रेस ब्रीफिंग में कहा, “कश्मीर मुद्दे पर हमारा रुख नहीं बदला है। हम चाहते हैं कि इसका समाधान दोनों पक्ष आपसी बातचीत से निकालें।”

उन्होंने कहा, “हम यह भी चाहते हैं कि दोनों पक्षों के बीच जारी तनाव दूर हो और उनके बीच सार्थक वार्ता हो, जिसके जरिये वे द्विपक्षीय मुद्दों का समाधान ढूंढ सकें।” अमेरिकी विदेश मंत्रालय की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जबकि भारत द्वारा जम्मू एवं कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पार आतंकवादियों के ‘लांच पैड्स’ को निशाना बनाकर किए गए सर्जिकल स्ट्राइक्स के बाद दोनों देशों के संबंध और अधिक तनावपूर्ण हो गए हैं।

भारत ने 18 सितंबर को जम्मू एवं कश्मीर के उड़ी में सेना के शिविर पर हुए आतंकवादी हमले के बाद ये सर्जिकल स्ट्राइक्स किए, जिसमें 19 जवान शहीद हो गए। ये हमले कश्मीर में आठ जुलाई को हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी के सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे जाने के बाद नौ जुलाई से जारी अशांति व तनाव के बीच हुए।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने पिछले माह संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन के दौरान भारत पर कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया था, जिसके जवाब में भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा था कि पाकिस्तान को राज्य नीति के तौर पर आतंकवाद को बढ़ावा देना बंद कर देना चाहिए और बलूचिस्तान में मानवाधिकारों के उल्लंघन से बचना चाहिए।

अन्तर्राष्ट्रीय

इब्राहिम रईसी के निधन पर शोक पीएम मोदी ने जताया शोक, कहा- दुःख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के निधन पर शोक जताया है। इब्राहिम रईसी की रविवार को को एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई थी। पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति डॉ. सैयद इब्राहिम रायसी के निधन से मुझे गहरा दुख और सदमा लगा है। भारत-ईरान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनके परिवार और ईरान के लोगों के प्रति मेरी संवेदना है। दुख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है।

बता दें कि अजरबैजान के घने और पहाड़ी इलाके में रविवार को राष्ट्रपति का विमान क्रैश हो गया था। इसके बाद ईरान की सेना ने हेलीकॉप्टर की तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, जिसमें विमान का मलबा मिल गया। हालांकि, दुर्घटनास्थल पर जीवन के कोई संकेत नहीं मिले हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक, हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद राष्ट्रपति रईसी के जीवित होने की उम्मीदें न के बराबर हैं।

बता दें कि अजरबैजान के जंगल में खराब मौसम की वजह से इब्राहिम रईसी के विमान की आपात लैंडिंग कराई गई थी, जिससे हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। कई घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद ईरान की जांच एजेंसियों को विमान का मलबा मिला। इसके बाद ईरानी मीडिया ने हेलीकॉप्टर हादसे में राष्ट्रपति और विदेश मंत्री की मौत की पुष्टि की। ईरानी रेड क्रिसेंट प्रमुख ने बताया कि बचाव टीमें दुर्घटनास्थल पर पहुंच चुकी हैं। इस हादसे में विमान का पूरा केबिन जलकर राख हो गया, जिसमें किसी के जिंदा होने के निशान नहीं मिले हैं। इस बीच ईरानी न्यूज एजेंसी ने बताया कि हादसे में किसी के बचने की कोई उम्मीद नहीं है, क्योंकि राष्ट्रपति का चॉपर पूरी तरह से तबाह हो गया।

ईरान के प्रेस टीवी के अनुसार, रेस्क्यू दल ने ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के हेलीकॉप्टर का पता लगा लिया है। दुर्घटनास्थल पर किसी भी जीवित व्यक्ति का कोई सुराग नहीं मिला है। आपको बता दें कि राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी पूर्वी अजरबैजान के दौरे गए थे। वे अपने विमान से राजधानी तेहरान लौट रहे थे, तभी उत्तर-पश्चिम में अजरबैजान देश की सीमा से सटे जुल्फा शहर के पास हादसा हो गया। उनके साथ हेलीकॉप्टर में विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन, पूर्वी अजरबैजान प्रांत के गवर्नर और अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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