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अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिका के दबाव की वजह से रिहा हुआ आतंकी हाफिज फिर पहुंचा सलाखों के पीछे

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इस्लामाबाद। लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का संस्थापक व 2008 मुम्बई हमलों का मास्टरमाइंड हाफिज सईद को गुरुवार की शाम दोबारा गिरफ्तार कर लिया गया है। इस तरह से पाकिस्तान पर अमेरिका का दबाव काम आया है।

बता दें कि अमेरिका ने पिछले शुक्रवार को कहा था कि लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के संस्थापक हाफिज सईद की नजरबंदी से रिहाई को लेकर वह चिंतित है और उसने पाकिस्तान से कहा कि सईद की आतंकी गतिविधियों के लिए उसे गिरफ्तार किया जाए और आरोपित किया जाए।

गौरतलब हो कि 2008 मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड हाफिज सईद पिछले शुक्रवार को 10 महीने की नजरबंदी के बाद रिहा हो गया था। इतना ही नहीं रिहाई के फौरन बाद हाफिज सईद ने जम्मू एवं कश्मीर की आजादी के लिए लड़ाई जारी रखने की बात कही थी। इसके बाद गुरुवार को पाकिस्तान से मिली सूचना के अनुसार पाक सरकार ने अमरीका व वैश्विक दबाव के चलते हाफिज को फिर गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया है।
उधर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को चेताते हुए कहा था कि जमात-उद-दावा के नेता हाफिज सईद की रिहाई का खामियाजा द्विपक्षीय संबंधों को भुगतना पड़ेगा। ट्रंप की प्रेस सचिव सारा हकाबी सैंडर्स ने बयान जारी कर कहा, अमेरिका सईद की नजरबंदी से रिहाई की कड़ी आलोचना करता है और उसकी तुरंत दोबारा गिरफ्तारी की मांग करता है।

बयान के मुताबिक, यदि पाकिस्तान सईद पर कानूनी रूप से कार्रवाई नहीं कर सकता और उसके अपराधों के लिए उस पर अभियोग नहीं लगा सकता तो पाकिस्तान की निष्क्रियता का खामियाजा दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों और पाकिस्तान की वैश्विक प्रतिष्ठा को भुगतना पड़ेगा।
सईद पर अमेरिका ने एक करोड़ डॉलर की ईनामी राशि रखी है। अमेरिका ने हाफिज सईद की दोबारा गिरफ्तारी की मांग की थी। अदालत द्वारा सईद की हिरासत बढ़ाने से इनकार के बाद पाकिस्तान सरकार ने सईद की नजरबंदी से रिहाई के आदेश दिए थे।

राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख रखने वाले डोनाल्ड ट्रंप के जनवरी में पद संभालने के बाद पाकिस्तान ने सईद को नजरबंद कर दिया था। पाकिस्तान अभी तक सईद पर आतंकवाद के अभियोग लगाने में सफल नहीं हुआ है। साल 2008 में अमेरिकी वित्त विभाग ने सईद को विशेष तौर पर नामित वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था और उस पर प्रतिबंध लगाए थे।

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अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तानी सेना में अल्पसंख्यक समुदाय की महिला बनी वन स्टार जनरल, पीएम शाहबाज ने दी बधाई

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इस्लामाबाद। पाकिस्तानी सेना में एक ईसाई महिला को ब्रिगेडियर के पद पर प्रमोट किया गया है। वह अल्पसंख्यक समुदाय से वन स्टार जनरल रैंक तक पहुंचने वाली पहली महिला बन गई हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, सेना चिकित्सा कोर में सेवारत हेलेन मैरी रॉबर्ट्स उन अधिकारियों में शामिल हैं, जिन्हें चयन बोर्ड ने ब्रिगेडियर और पूर्ण कर्नल के रूप में पदोन्नत किया।

द न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, हेलेन की कामयाबी इस लिहाज से भी अहम है क्योंकि बीते साल रावलपिंडी के क्राइस्ट चर्च में क्रिसमस समारोह के दौरान पाक आर्मी चीफ असीम मुनीर पहुंचे थे। इस दौरान मुनीर ने पाकिस्तान के विकास में ईसाई समुदाय की भूमिका की सराहना की। मुनीर ने ईसाई समुदाय के लिए गहरा सम्मान व्यक्त करते हुए अंतर-धार्मिक सद्भाव को बढ़ावा देने के महत्व को रेखांकित किया था।

हेलेन रॉबर्ट्स को आर्मी मेडिकल कोर में ब्रिगेडियर के पद पर पदोन्नति के लिए पाकिस्तान के प्रधान मंत्री मुहम्मद शहबाज शरीफ ने बधाई दी है। शरीफ ने कहा, ‘पाकिस्तानी ईसाई समुदाय की सदस्य ब्रिगेडियर रॉबर्ट्स ने यह प्रतिष्ठित रैंक हासिल करने वाली अल्पसंख्यक पृष्ठभूमि से पहली महिला बनकर इतिहास रच दिया है। पूरे देश को ब्रिगेडियर रॉबर्ट्स और उनके जैसी अल्पसंख्यक समुदाय की हजारों मेहनती महिलाओं पर गर्व है, जो विशिष्टता के साथ देश की सेवा कर रही हैं।’

पाकिस्तान के दूसरे भी कई नेताओं ने ब्रिगेडियर रॉबर्ट्स की कड़ी मेहनत और समर्पण की सराहना करते हुए की है। सोशल यूजर्स ने कहा कि हेलेन की सफलता दिखाती है कि पाकिस्तानी महिलाएं किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल कर सकती हैं और किसी से पीछे नहीं हैं।

 

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