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अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिका ‘अहंकार का स्पष्ट अवतार’ : खामेनी

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तेहरान। तेहरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर महत्वपूर्ण बातचीत जहां अंतिम पड़ाव पर है, वहीं ईरान के सर्वोच्च नेता ने रविवार को कहा कि अमेरिका ‘अहंकार का स्पष्ट अवतार’ है। उन्होंने देश से अपील की कि लगातार संघर्ष के लिए तैयार रहना होगा।

अयातुल्ला सैयद अली खामेनी ने कहा, “अहंकार के खिलाफ अभियान चलाना 1979 की इस्लामिक क्रांति के सिद्धांतों में से एक है।” उन्होंने कहा कि पवित्र कुरान अहंकार के खिलाफ कार्रवाई की इजाजत देता है। खामेनी ने कहा, “हमने बातचीत कर रहे अधिकारियों से कहा कि आपको सिर्फ परमाणु मुद्दे पर बातचीत का अधिकार है और अमेरिका की तरफ से भले ही सीरिया या यमन के क्षेत्रीय मुद्दे उठाए जा रहे हो, लेकिन हमारे अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि हम इस मुद्दे पर चर्चा नहीं करेंगे।”‘

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि तेहरान की तरफ से अहंकार भरे रवैये को अस्वीकार किए जाने की वजह से ही विश्व शक्तियां ईरान को लेकर विद्वेष पाल रही हैं। ईरान और पी5 प्लस1 (अमेरिका, बिटेन, चीन, रूस, फ्रांस तथा जर्मनी ) पिछले 18 महीनों से तेहरान के परमाणु मुद्दे पर चर्चा कर रहे हैं।

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अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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