मनोरंजन
अभिनय पेशे के साथ संघर्ष रहा है : सोहा
मुंबई, 13 दिसम्बर (आईएएनएस)| अभिनेत्री सोहा अली खान का कहना है कि उन्होंने बतौर अभिनेत्री उन्होंने अभिनय के पेश के साथ संघर्ष किया है।
सोहा ने मगंलवार को यहां पहली किताब ‘द पेरिल्स ऑफ बीइंग मॉडरेटली फेमस’ को लांच किया। सोहा से अपने जीवन के सबसे मुश्किल समय लिखने को कहा गया था। उन्होंने कहा, जीवन का सबसे मुश्किल अध्याय शायद ‘वर्किंग एक्टर’ पुकारा जाना है। मेरा संघर्ष बतौर कलाकार मेरे पेशे के साथ रहा रहा है, जो मेरे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
उन्होंने कहा कि इसके साथ जो असुरक्षा और तुलना आती है, उसका सामना करना मुश्किल होता है।
यह पूछे जाने पर कि किस चीज ने उन्हें किताब लिखने के लिए प्रेरित किया तो उन्होंने कहा, इससे पहले, मैंने आलेख और निबंध लिखे हैं, लेकिन 40,000-50,000 शब्दों को लिखना एक बड़ा काम है। मैं गैर-काल्पनिक किताब लिखना चाहती थी, क्योंकि मैं रचानत्मक कल्पना वाली किताब नहीं लिख सकती।
सोहा ने अपनी किताब में कई खुलासे किए हैं। उन्होंने कहा कि उनके साथ घंटों बात करने के बाद भी आप उनके बारे में ज्यादा कुछ नहीं जान सकते, इसलिए उन्होंने इस बार प्रयास किया है। उनकी मां शर्मिला ने भी उन्हें सही जानकारी देने के लिए प्रेरित किया, क्योंकि पाठक उनके बारे में सही बातें जानना चाहते हैं।
भवष्यि की परियोजनाओं के बारे में पूछे जाने पर सोहा ने कहा कि फिलहाल वह पूरा वक्त अपनी बेटी इनाया को दे रही हैं और उसके बाद वह फिल्म ‘साहब, बीवी और गैंगस्टर 3’ में काम करेंगी।
प्रादेशिक
13 साल बाद एक्ट्रेस को मिला इंसाफ, कोर्ट ने हत्यारे बाप को सुनाई फांसी की सजा
मुंबई। एक्ट्रेस लैला खान और उसके पूरे परिवार के हत्यारे सौतेले पिता को मुंबई की सेशन कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में परवेज टाक को लैला, उनकी मां और चार भाई-बहन की हत्या और सबूतों को नष्ट करने का दोषी ठहराया था। यह मामला 13 वर्ष पुराना है। सौतेले पिता ने लैला, उसकी मां व चार भाई-बहनों की हत्या की थी, इसके बाद शवों को फार्म हाउस में गड्ढा खोदकर दफन कर दिया था।
बता दें कि बीते सप्ताह सरकारी वकील पंकज चव्हाण ने दोषी परवेज टाक के लिए मौत की सजा की मांग की थी। उनका कहना था कि इस हत्या को पूरी तरह से प्लान करके किया गया था, जिसमें एक ही परिवार के छह लोगों को बड़ी ही बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया और शवों को ठिकाने लगा दिया गया।
लैला खान हत्याकांड में मंगलवार को कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इस दौरान आरोपी के वकील वहाब खान ने दलील पेश की, जिसमें उन्होंने कम से कम आजीवन कारावास की सजा की मांग की। वकील ने कहा कि कोई प्रत्यक्ष सबूत नहीं है और शव उनके कहने पर बरामद किए गए थे। इतना ही नहीं बल्कि दोषी के वकील ने जेल में टाक के अच्छे व्यवहार की ओर इशारा करते हुए कहा कि उसमें सुधार हुआ है और इसलिए उन्होंने इसे भी सजा को कम करने का आधार बताया है। हालांकि कोर्ट ने उनकी एक न सुनी और परवेज टाक को फांसी की सजा सुना दी।
बता दें कि परवेज टाक, लैला का सौतेला पिता है। परवेज ने लैला की मां संग तीसरी शादी की थे। साल 2011 में फरवरी में लैला खान, उनकी मां और चार भाई-बहनों की महाराष्ट्र के नासिक जिले के इगतपुरी स्थित उनके बंगले में हत्या कर दी गई थी। रिपोर्ट्स की मानें तो कहा गया कि संपत्तियों पर बहस के बाद परवेज ने इस घटना को अंजाम दिया था।
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