अन्तर्राष्ट्रीय
अफगानिस्तान में ठंड बढ़ने से भूकंप पीड़ितों की मुश्किलें बढ़ी
किशम (अफगानिस्तान)। अफगानिस्तान में सोमवार को आए विनाशकारी भूकंप के बाद यहां के बदख्शान प्रांत में सर्द मौसम और ठंडी हवाओं की वजह से भूकंप पीड़ितों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
प्रशासन का कहना है कि भूकंप से अफगानिस्तान में 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई है।
बदख्शान प्रांत के मोहम्मद मजीद ने कहा, “हम सिर्फ दिन-प्रतिदिन बढ़ रही ठंड से ही नहीं जूझ रहे हैं, बल्कि भोजन और घरों के पुनर्निर्माण में सरकारी मदद की कमी का भी सामना कर रहे हैं।”
आपदा प्रबंधन मामलों के राज्य मंत्री वेस बरमक ने बुधवार को अफगानिस्तान के निचले सदन वोलेसी जिरगा को बताया कि इस भूकंप में 115 लोगों की मौत हो गई है, जिनमें से 15 बदख्शान प्रांत के हैं।
उन्होंने बताया कि कुल 556 लोग घायल हुए हैं, 7,630 घर नष्ट हो गए हैं। देशभर में 1,000 से अधिक मवेशियों की भी जान गई है।
बदख्शान प्रांतीय परिषद के प्रमुख अब्दुल्ला नाजी नजारी ने कहा कि वे अब भी संघीय सरकार से सहयोग का इंतजार कर रहे हैं।
उन्होंने बदख्शान प्रांत में भूकंप के कारण 15 लोगों की मौत के अतिरिक्त 67 लोग घायल हुए हैं और यहां 2,700 से अधिक घर नष्ट हो गए हैं, जिनमें से अधिकांश किशम, जार्म, यमगान, शागनान और वरदोज जिलों में हैं।
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’
नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।
रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”
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