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अदालती फैसले का शरिया मानने वाली महिलाओं पर क्या प्रभाव होगा : जिलानी

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नई दिल्ली, 22 अगस्त (आईएएनएस)| ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के सदस्य जफरयाब जिलानी ने मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय के तीन तलाक पर रोक के फैसले का स्वागत किया, लेकिन उन्होंने पूछा कि शरिया का पालन करने वाली महिलाओं का क्या होगा? इलाहाबाद उच्च न्यायालय के वकील जिलानी ने आईएएनएस से फोन पर कहा, जहां तक तीन तलाक को खत्म करने संबंधी फैसला है, तो हमें इससे कोई समस्या नहीं है क्योंकि हम इसे खुद ही खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, समस्या यहां है कि बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाएं शरिया का पालन करती हैं। यदि उन्हें उनके पतियों द्वारा तलाक दिया जाता है तो वे क्या करेंगी।

उन्होंने कहा कि पता नहीं अदालत ने इस विरोधाभास को ध्यान में रखा है या नहीं।

जिलानी ने कहा, शरिया के मुताबिक, तलाक (तीन तलाक) वैध माना जाएगा, लेकिन अदालत के मुताबिक यह अवैध है। इसलिए इस तरह की महिला के भविष्य के संबंध में अदालत ने क्या दिशा निर्देश दिए हैं। अदालत ने उनके लिए मामले को जटिल बना दिया है या उनके लाभ के लिए फैसला दिया है, इस पर फैसले के अध्ययन के बाद टिप्पणी की जा सकती है।

शीर्ष अदालत ने मंगलवार को मुस्लिम समुदाय के तीन तलाक को ‘असंवैधानिक’, ‘मनमाना’ करार देते हुए कहा कि यह ‘इस्लाम का हिस्सा नहीं’ है।

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नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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