अन्तर्राष्ट्रीय
अजीत जैन, ग्रेग एबेल के बीच प्रतिस्पर्धा नहीं : बफेट
वाशिंगटन | अमेरिका में भारतीय मूल के शीर्ष बीमा अधिकारी अजीत जैन और बर्कशायर की ऊर्जा कंपनियों के प्रमुख ग्रेग अबेल के बीच पद को लेकर कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है। बर्कशायर हैथवे के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) वारेन बफेट ने यह बात कही है।
अजीत जैन और ग्रेग अबेल दोनों ही संभावित रूप से बफेट के उत्तराधिकारी हैं। बफेट ने सोमवार को सीएनबीसी को बताया, “जैन और अबेल के बीच पद को लेकर कोई होड़ नहीं है और उनमें से कोई नहीं जानता कि बर्कशायर हैथवे का अगला सीईओ कौन बनेगा।” 84 वर्षीय बफेट के मुताबिक, “इस मुद्दे पर निदेशक मंडल की बैठक में हर बार चर्चा होती है, मुझे पता नहीं कितने वर्षो तक। हमारे पास एक सटीक योजना है।” बर्कशायर हैथवे के उपाध्यक्ष चार्ल्स मुंगर द्वारा शेयरधारकों को लिखे गए वार्षिक पत्र में जैन और एबेल का नाम बफेट के संभावित उत्तराधिकारी के रूप में सामने आया था। गौरतलब है कि दोनों लंबे समय से कंपनी के कार्यकारी अधिकारी रहे हैं।
शेयरधारकों को लिखे बफेट के वार्षिक पत्र के मुताबिक, उन्होंने और निदेशक मंडल ने पहले ही सहमति बना ली है कि उनका कार्यकाल समाप्त होने के बाद यह जिम्मेदारी किसे सौंपी जाएगी। वर्तमान में एबेल बर्कशायर हैथवे एनर्जी के चेयरमैन, अध्यक्ष और सीईओ हैं, जबकि जैन कंपनी के पुनर्बीमा प्रभाग का संचालन करते हैं। भारत में जन्मे जैन 1986 से बर्कशायर से जुड़े हुए हैं। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर और हॉर्वर्ड बिजनेस स्कूल से शिक्षा प्राप्त कर चुके जैन इससे पहले मैक्किन्से एंड कंपनी और आईबीएम जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों के साथ काम कर चुके हैं। मुंगर ने अपने पत्र में एबेल और जैन के कामकाज की प्रशंसा करते हुए उन्हें ‘विश्वस्तरीय’ बताया, जो अपनी काबिलियत सिद्ध कर चुके हैं।
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कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित
नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।
एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।
कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।
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