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प्रादेशिक

अगरतला हवाईअड्डे बनने जा रहा अंतर्राष्ट्रीय : एएआई प्रमुख

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अगरतला | भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) विश्वस्तरीय सुविधाएं मुहैया कराकर अगरतला हवाईअड्डे को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के आधार पर उन्नत करवा रहा है। एक शीर्ष अधिकारी ने यहां यह जानकारी दी। यह महत्वाकांक्षी परियोजना 426 करोड़ रुपये की है, जिससे पूर्वोत्तर क्षेत्र को दक्षिणपूर्व एशिया से जोड़ने में मदद मिलेगी।

एएआई अध्यक्ष आर.के.श्रीवास्तव ने मुख्यमंत्री मानिक सरकार के साथ बैठक के बाद गुरुवार रात यहां संवाददाताओं से कहा, “सभी प्राथमिक कार्यो को पूरा कर लिया गया है। हम जल्द ही अगरतला हवाईअड्डे को विश्वस्तरीय बनाने के लिए एक परियोजना सलाहकार को शामिल करेंगे।” उन्होंने कहा, “426 करोड़ रुपये की इस परियोजना का भार एएआई और भारत की पूर्वोत्तर परिषद उठाएंगे। त्रिपुरा सरकार हमें पहले ही आवश्यक भूमि का हस्तांतरण कर चुकी है।”

मिजोरम और मणिपुर का दौर करने के बाद गुरुवार शाम को यहां पहुंचे वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एएआई पहले ही इम्फाल हवाईअड्डे को अंतर्राष्ट्रीय दर्जा दे चुकी है। त्रिपुरा परिवहन मंत्री मानिक डे ने कहा कि नई टर्मिनल इमारत, रनवे और अन्य आवश्यक बुनियादी ढांचे के निर्माण और विस्तार के लिए राज्य सरकार पहले ही एएआई को 72 एकड़ जमीन दे चुकी है। डे ने संवाददाताओं से कहा, “एएआई हमसे चार एकड़ जमीन और देने को कह रही है, लेकिन अतिरिक्त भूमि की बड़ी कमी है। हालांकि, हम यह जमीन भी दे देंगे।” मंत्री ने कहा कि 72 एकड़ जमीन अधिकृत करने के लिए 157 परिवारों को पुनस्र्थापित किया है।

प्रादेशिक

गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक

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अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।

इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।

हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।

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