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विकास कार्यो के दम पर उप्र में दोबारा बनेगी सपा की सरकार : अखिलेश
लखनऊ| उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बुधवार को कहा कि समाजवादी पार्टी (सपा) ने उप्र के विकास के लिए पिछले साढ़े चार वर्षो में काफी कुछ किया है और वह अपने दम पर ही सत्ता में वापसी करेगी। उन्होंने कहा कि इलाहाबाद में भी मैट्रो शुरू की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने लखनऊ स्थित एनेक्सी भवन में कैबिनेट बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए यह बात कही।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “जनता के लिए बहुत कुछ किया है। समाजवादी सरकार उप्र में हुए विकास कार्यो के बल पर जनता के बीच जाएगी और जनता समाजवादी नीतियों को स्वीकार भी करेगी। हम दोबारा सरकार बनाने जा रहे हैं।”
कैबिनेट की बैठक में हुए कुछ महत्वपूर्ण फैसलों की जानकारी देते हुए अखिलेश ने कहा कि इलाहाबाद में भी मेट्रो शुरू करने की मंजूरी कैबिनेट ने दे दी है। जल्द ही वहां सर्वेक्षण का काम शुरू होगा और उसके बाद वहां भी तेजी से काम होगा।
अखिलेश ने कहा, “उप्र में विकास बहुत तेजी से हो रहा है। लखनऊ में जल्द ही मेट्रो की शुरुआत हो जाएगी। कानपुर, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और बनारस में मेट्रो के डीपीआर को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है।”
उन्होंने कहा कि उप्र सरकार ने एक अहम फैसला किया है जिसके तहत अब कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को मुफ्त में बैग दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त रामपुर में एक सब स्टेशन बनाने की मंजूरी प्रदान की गई है।
बलिया के जियाउद्दीन रिजवी को अब तक मंत्री पद की शपथ न दिलाए जाने के सवाल पर अखिलेश ने कहा कि जब शपथ ग्रहण हुआ था तब वह धार्मिक यात्रा पर बाहर गए थे। जल्द ही उन्हें शपथ दिलाई जाएगी।
अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि 22 अगस्त से शुरू होने जा रहे विधानसभा सत्र के दौरान सरकार अनुपूरक बजट भी पेश करेगी। इसकी जानकारी सदन में ही दी जाएगी।
नेशनल
जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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