अन्तर्राष्ट्रीय
अखरने लगी यंग जनरेशन की स्टाइलिश दाढ़ी, बैन लगाने के लिए कमर कसी
इस्लामाबाद। हर लडक़ा अपनी उम्र के साथ स्टाइलिश दिखने के लिए तरह-तरह के नुस्खे अपना आता है और अपनी हेयर स्टाइल और दाढ़ी पर विशेष ध्यान देता है। कुछ लडक़े सिंपल तो कुछ स्टाइलिश दाढ़ी रखना पसंद करते हैं, लेकिन अब स्टाइलिश दाढ़ी को बैन करने की मांग उठ रही है।
द ट्रिब्यून एक्सप्रेस के अनुसार, दाढ़ी के नए-नए स्टाइल को बैन करने के लिए पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की डेरा गाज़ी खान डिस्ट्रिक्ट काउंसिल ने प्रस्ताव पारित किया है। इस प्रस्ताव के अनुसार, दाढ़ी को नए-नए तरीकों से बनवाना इस्लाम की शिक्षा के विरुद्ध है और इसके साथ ही यह सुन्नाह (इस्लामिक शिक्षा) के भी खिलाफ है। यह प्रस्ताव बहुमत से पास किया गया और आगे की प्रक्रिया के लिए डिप्टी कमिश्नर को भेज दिया गया है।
प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि जो लोग दाढ़ी को लेकर मजाक बनाएं, उन पर भी कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। इस प्रस्ताव को रखने वाले आसिफ खोसा का कहना है कि सुन्नाह के बारे में युवाओं को जागरूक करने की बहुत जरूरत है। रिपोर्ट के अनुसार आसिफ ने कहा, “युवा आजकल अलग-अलग तरह की स्टाइलिश दाढ़ी रखने लगे हैं जो इस्लाम की शिक्षा के खिलाफ है।”
रिपोर्ट की माने तो इस प्रस्ताव में स्टाइलिश दाढ़ी को बैन करने के अलावा आदिवासी क्षेत्रों के छात्रों को मेडिकल कॉलेजों में 10 प्रतिशत कोट आवंटित करने के बात कही गई है।
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’
नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।
रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”
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