प्रादेशिक
अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे के रूप में तब्दील होगा अगरतला हवाईअड्डा
अगरतला| भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने अगरतला हवाईअड्डे को अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा में तब्दील करने का प्रारंभिक काम पूरा कर लिया है। एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि इस कदम से क्षेत्र की दक्षिण एशिया के साथ संयोजकता बढ़ेगी। त्रिपुरा सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया, “संभावना जताई जा रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक दिसंबर को अगरतला हवाईअड्डे के उन्नयन की नींव रख सकते हैं। उनका कार्यक्रम हालांकि एक या दो दिनों में तय हो जाएगा।” उन्होंने कहा, “राज्य सरकार के शीर्ष अधिकारियों के साथ त्रिपुरा के परिवहन मंत्री और एएआई के अधिकारियों ने रविवार को यहां से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित अगरतला एयरपोर्ट का दौरा किया और शिलान्यास के सिलसिले में प्रस्तावित जगह का निरीक्षण किया।”
उत्तरपूर्वी राज्यों की चार दिवसीय यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री असम, मणिपुर, नागालैंड, त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश का दौरा करेंगे। एएआई के निदेशक एस. डी. बर्मन ने कहा, “एएआई ने अगरतला हवाईअड्डे को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बनाने के 427 करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी परियोजना को अपने हाथ में लिया है। साथ ही 10 करोड़ रुपये की लागत से यहां पर एक आधुनिक हवाई यातायात नियंत्रण टावर भी लगाया जाना है।”
उन्होंने कहा, “अगरतला हवाई अड्डा परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को मंजूरी के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय को सौंपा जा चुका है। त्रिपुरा सरकार ने इस उद्देश्य के लिए भूमि उपलब्ध करा दी है।” पश्चिमी त्रिपुरा जिले के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार ने हवाई अड्डे का विस्तार करने, नया टर्मिनल बनाने, रनवे और अन्य आवश्यक बुनियादी ढ़ांचे के लिए एएआई को पहले ही 72 एकड़ जमीन उपलब्ध करा दी है।
नाम न बताने की शर्त पर अधिकारी ने बताया, “एएआई 36 एकड़ अतिरिक्त जमीन की मांग कर रहा है, लेकिन अतिरिक्त भूमि उपलब्ध कराने में भारी समस्या है। 72 एकड़ जमीन का अधिग्रहण करने के लिए हमें 157 परिवारों को स्थानांतरित करना पड़ा। अगर हम और अधिक जमीन अधिग्रहित करते हैं तो हमें और परिवारों को बेदखल करना होगा। यह हमारे लिए बड़ी भारी समस्या है।” उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन इस परियोजना के लिए वैकल्पिक जमीन की तलाश में तेजी से लगा हुआ है। वर्तमान में सिक्किम समेत पहाड़ी क्षेत्र उत्तरपूर्व के सभी आठ राज्यों में मात्र गुवाहाटी और इंफाल में अतंर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे हैं।
प्रादेशिक
इस्कॉन के चेयरमैन गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज का निधन, देहरादून के अस्पताल में थे भर्ती
देहरादून। इस्कॉन इंडिया की गवर्निंग काउंसिल के अध्यक्ष गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज का रविवार को निधन हो गया। हृदय संबंधी बीमारी के चलते उन्हें तीन दिन पहले देहरादून के सिनर्जी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से भक्तों में शोक की लहर है।
इस्कॉन मंदिर के डायरेक्टर कम्युनिकेशन इंडिया बृजनंदन दास ने बताया कि 5 मई को शाम 4 बजे नई दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश स्थित मंदिर में दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर रखा जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज दो मई को दूधली स्थित मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम में पहुंचे थे। यहां वह अचानक फिसलकर गिर गए थे। इससे उन्हें चोट लगी थी। उनका तीन दिनों से सिनर्जी अस्पताल में इलाज चल रहा था। भक्त उनके आखिरी दर्शन दिल्ली के इस्कॉन मंदिर में कर सकेंगे। सोमवार को उनकी देह को वृंदावन ले जाया जाएगा। इसका समय अभी तय नहीं हुआ है।
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