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मुख्य समाचार

अंतर्राष्ट्रीय साहित्य सम्मानों के लिए प्रविष्टियां आमंत्रित

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रायपुर| अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हिंदी और हिंदी-संस्कृति को प्रतिष्ठित करने के लिए साहित्यिक वेब पत्रिका ‘सृजनगाथा डॉट कॉम’ द्वारा प्रतिवर्ष दिए जाने वाले सम्मानों व पुरस्कारों के लिए रचनाकारों, प्रशंसकों व संस्थाओं और प्रकाशकों से प्रविष्टियां 30 नवंबर तक आमंत्रित हैं। इन सम्मानों का निर्णय वरिष्ठ साहित्यकारों के निर्णायक मंडल द्वारा किया जाएगा। ये सम्मान इजिप्ट (मिस्र) में आयोजित होनेवाले 11वें अंतर्राष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन, मिस्र (28 जनवरी से 4 फरवरी, 2016) में प्रदान किए जाएंगे। अपरिहार्य कारणों से सम्मेलन में उपस्थित नहीं हो पाने वाले चयनित रचनाकार को रायपुर में आयोजित समारोह में यह सम्मान प्रदान किया जा सकेगा। प्रविष्टियां जयप्रकाश मानस, संयोजक, अंतर्राष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन, एफ-3, छगमाशिम, आवासीय परिसर, पेंशनवाड़ा, रायपुर, छत्तीसगढ़-492001, मो.-9424182664 के पते पर भेजी जा सकती हैं।

सृजनगाथा डॉट कॉम सम्मान-2015 :

सम्मान स्वरूप वरिष्ठ प्रतिभागी रचनाकार को 21,000 रुपये नकद, शॉल, श्रीफल, प्रशस्तिपत्र 9वें अंतर्राष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन, मिस्र के मुख्य समारोह में प्रदान किया जाएगा। प्रतिभागी रचनाकार की उम्र 45 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। इस सम्मान के लिए रचनाकार को अपनी प्रतिनिधि विधा या प्रकाशित किताब (केवल कथा या कविता) की 2-2 प्रतियां जो विगत तीन वर्षो के भीतर प्रकाशित हुई हो, प्रविष्टि के रूप में रजिस्ट्री डाक से भेजना अनिवार्य होगा।

विन्ध्य सृजन सम्मान-2015 :

देश के प्रख्यात भाषाविद् और हिन्दी-संस्कृत के प्रकाण्ड विद्वान डॉ. मूल शंकर शर्मा की स्मृति में भाषा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले व्यक्ति को मिस्र के मुख्य समारोह में ‘विन्ध्य सृजन सम्मान’ से विभूषित किया जाएगा। सम्मान में 11,000 रुपये, स्वर्ण सम्मान पत्र व अंगवस्त्रम प्रदान किया जाएगा।

इस सम्मान के लिए सम्मेलन के प्रतिभागी रचनाकार को भाषा, भाषाविज्ञान, ध्वनिविज्ञान आदि से संबंधित कृतियों की 2-2 प्रतियां विजय शंकर चतुर्वेदी, संयोजक ‘विन्ध्य सृजन सम्मान’, सोनभद्र, उत्तरप्रदेश, मो. नं. 09415233578 ईमेल के पते पर 30 नवंबर, 2015 से पूर्व भेजना अनिवार्य होगा।

मसि कागद युवा सम्मान-2015 :

युवा रचनात्मकता को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिवर्ष साहित्यिक पत्रिका ‘मसि कागद’ द्वारा ‘मसि कागद सम्मान’ दिया जाएगा। यह सम्मान एक वर्ष उल्लेखनीय गजल संग्रह और दूसरे वर्ष उल्लेखनीय कहानी संग्रह पर दिया जाएगा। प्रविष्टि के रूप में विगत 3 वर्षो में 45 वर्ष आयुवाले रचनाकार के प्रथम प्रकाशित संग्रह (न्यूनतम 96 पृष्ठों में संग्रहीत) की 3 प्रतियां रचनाकार के बायोडेटा और फोटो के साथ वांछित होंगी।

सम्मान के लिए गठित चयन समिति की अनुशंसा पर चयनित रचनाकार को 11,000 रुपये, मानपत्र, प्रतीकचिह्न्, शॉल, श्रीफल आदि श्याम सखा श्याम, अध्यक्ष, प्रयास ट्रस्ट, हरियाणा के सौजन्य से अंतर्राष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन के अलंकरण समारोह में प्रदान किया जाएगा। वर्ष 2015 के लिए यह सम्मान कथा विधा के लिए निश्चित किया गया है।

भारत भास्कर रचनात्मक पत्रकारिता सम्मान-2015 :

रचनात्मक पत्रकारिता के लिए अखिल भारतीय स्तर पर प्रतिवर्ष किसी पत्रकार को ‘भारत भास्कर सम्मान’ दिया जाएगा। सम्मान स्वरूप चयनित पत्रकार को 11,000 की राशि, मानपत्र, प्रतीकचिह्न्, शॉल व श्रीफल प्रदान किया जाएगा। इच्छुक प्रतिभागी संयोजक, भारत भास्कर सम्मान, दैनिक भारत भास्कर, मोवा, रायपुर, छत्तीसगढ़ मो न 08889998888 पर अपनी बायोडेटा और फोटो के साथ संबंधित प्रकाशित समाचार/आलेख की छायाप्रतियां या किताब 30 नवंबर तक भेज सकते हैं।

सत्या कुंद्रा स्मृति व्यंग्य पुरस्कार-2015 :

हिंदी के मूर्धन्य व्यंग्यकार डॉ. प्रेम जनमेजय जी की माताजी की स्मृति में प्रारंभ इस पुरस्कार के तहत सृजन गाथा डॉट कॉम द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को ही 5,100 रुपये की नकद राशि, स्मृतिचिह्न् अंग वस्त्रम् एवं शाल प्रदान किया जाएगा। पुरस्कार वर्ष 2015 में प्रकाशित व्यंग्य कृति / पत्रिका में प्रकाशित व्यंग्य रचना / व्यंग्य पर केंद्रित आलोचनात्मक कृति / आलेख पर ही दिया जायेगा।

सिन्धु रथ स्मृति सम्मान :

ओड़िया, हिन्दी और छत्तीसगढ़ी की कवयित्री-कथाकार सिन्धु रथ स्मृति सम्मान केवल महिला रचनाकार (किसी भी विधा में मौलिक और उल्लेखनीय योगदान) के नाम होगा। सम्मान स्वरूप महिला रचनाकार को 11 ,000 की नगद राशि, मानपत्र, प्रतीकचिह्न् से अलंकृत किया जाएगा। प्रविष्टि के रूप में अपनी बायोडेटा और फोटो के साथ प्रकाशित कृतियों की 2-2 प्रतियां भेजना अनिवार्य होगा।

पद्माकृति सम्मान :

चित्रकार और संस्कृतिकर्मी डीवीएस पद्मावती की स्मृति में युवा रचनात्मकता (अहिन्दीभाषी हिंदी साहित्यकार) को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिवर्ष यह सम्मान दिया जाएगा। प्रविष्टि के रूप में विगत 3 वर्षो में 45 वर्ष तक की आयु वाले रचनाकार के प्रथम प्रकाशित संग्रह (न्यूनतम 96 पृष्ठों में संग्रहित) की 3 प्रतियां रचनाकार के बायोडेटा और फोटो के साथ संयोजक के पते पर भेजना होगा। चयन समिति की अनुशंसा पर चयनित रचनाकार को 5000 रुपये, मानपत्र, चांदी का प्रतीकचिह्न्, शॉल व श्रीफल दामू वी जगनमोहन ‘किट्टू’ द्वारा प्रदान किया जाएगा।

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नेशनल

पश्चिम बंगाल के श्रीरामपुर में बोले अमित शाह, पीओके भारत का है और हम इसे लेकर रहेंगे

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श्रीरामपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के हुगली के श्रीरामपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और ममता बनर्जी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ये पीओके भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी, कांग्रेस-सिंडिकेट कहती है कि धारा 370 को मत हटाओ। मैंने संसद में पूछा कि क्यों न हटाएं तो उन्होंने कहा कि खून की नदियां बह जाएंगी। 5 साल हो गए खून कि नदियां छोड़ो किसी की कंकड़ चलाने की हिम्मत नहीं है। जब INDI गठबंधन का शासन था तो हमारे कश्मीर में हड़तालें होती थीं। आज पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में हड़ताल होती है। पहले कश्मीर में आजादी के नारे लगते थे, अब पाक अधिकृत कश्मीर में नारेबाजी होती है। राहुल गांधी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ममता बनर्जी आपको डरना है तो डरते रहिए लेकिन मैं आज श्रीरामपुर की धरती से कहता हूं कि ये पाक अधिकृत कश्मीर भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा आने वाले चुनाव में आप सभी वोट डालने वाले हैं। इस चुनाव में एक ओर परिवारवादी पार्टियां हैं जिसमें ममता बनर्जी अपने भतीजे को, शरद पवार अपनी बेटी को, उद्धव ठाकरे अपने बेटे को, स्टालिन अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं और सोनिया गांधी, राहुल बाबा को पीएम बनाना चाहती हैं। वहीं दूसरी ओर गरीब चाय वाले के घर में जन्में इस देश के महान नेता नरेन्द्र मोदी जी हैं।

नरेन्द्र मोदी जी ने बंगाल के विकास के लिए ढेर सारे कार्य किए हैं। मैं ममता दीदी से पूछना चाहता हूं कि 10 साल तक आपके लोग सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री रहे, लेकिन सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार ने बंगाल के विकास के लिए क्या किया। उनकी सरकार ने 10 साल में बंगाल के विकास के लिए मात्र 2 लाख करोड़ रुपये दिए। जबकि मोदी जी ने 10 साल में 9 लाख, 25 हजार करोड़ रुपये देने का काम किया।

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