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हिंदुत्व का धर्म से कोई लेना-देना नहीं : दिग्विजय

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भोपाल| कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा है कि कई संगठन देश के बंटवारे के समय से ही आज तक देश को फिरकापरस्ती के रूप में बांटने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि वास्तविकता यह है कि हिंदुत्व का धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। कांग्रेस के 130वें स्थापना दिवस के अवसर पर भोपाल स्थित मध्य प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित समारोह में सिंह ने रविवार को कहा, “सर्वधर्म सद्भाव हमारी संवैधानिक विरासत है। प्रत्येक व्यक्ति को अपने धर्म का पालन और प्रचार का मौलिक अधिकार है, किंतु जिस तरह हिन्दुत्व और धर्म के नाम पर देश को बांटने की कोशिशें की जा रही हैं, उससे सियासतें तो जिंदा रह सकती हैं, देश जिंदा नहीं रह सकेगा।”

सिंह ने कहा, “कांग्रेस ने लंबे संघर्ष के बाद देश को आजादी दिलाई और इस आजादी के बाद सियासी युद्घ तो कई हुए किंतु धार्मिक युद्घ नहीं हुए, जबकि ईसाई समुदाय और इस्लामिक धर्मावलंबी भारत आए और यहां से चले भी गए।”

उन्होंने आगे कहा, “भारत इसलिए जाना जाता है, क्योंकि यहां समान अवसर और सम्मान के साथ सभी धर्मों को आदर दिया जाता है। कांग्रेस पार्टी की नजर में जबरन धर्मांतरण अनुचित है। देश के बंटवारे के समय से ही कई संगठनों ने आज तक फिरकापरस्ती के रूप में देश को बांटने की कोशिशें की हैं। जहां तक हिन्दुत्व का प्रश्न है, उसका धर्म से कोई लेना-देना नहीं है।”

दिग्विजय ने कहा, “हिन्दुत्व का उपयोग उन सावरकर ने किया जो स्वयं सनातन धर्म का पालन नहीं करते थे। हमारा धर्म सनातन है और सभी को अपने-अपने धर्म के पालन और प्रचार का अधिकार है।”

कांग्रेस महासचिव ने आगे कहा, “आज धर्मांतरण को लेकर दोहरी परिभाषा, परिभाषित की जा रही है। ऐसे घृणित मुद्दों से हटकर आज सबसे बड़ी आवश्यकता देश के विकास और एकजुटता की है। गोडसे का मंदिर, रामजादा और हरामजादे जैसे आचरण और शब्दों को भारतीय राजनीति में सराहा नहीं जा सकता है।”

दिग्विजय ने कहा कि कांग्रेसजन इस विषम दौर में स्थापना दिवस पर पार्टी की मजबूती के लिए संघर्ष करने का संकल्प लें। इस अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी लक्ष्मणदास केसवानी, अनिरूद्घ प्रसाद शास्त्री, मंगू देवी, हबीब नजर, मो जमीर, कल्पना देवी तथा पंचमती देवी को शॉल-श्रीफल देकर सम्मान किया गया।

नेशनल

पश्चिम बंगाल में हुए रेल हादसे पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जताया दुःख, दार्जिलिंग रवाना

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कोलकाता। पश्चिम बंगाल में हुए रेल हादसे पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दुःख जताया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल X पर लिखा है, NFR जोन में दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना हुई है। बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। रेलवे, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ मिलकर काम कर रहे हैं। घायलों को अस्पताल पहुंचाया जा रहा है। वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं।

बता दें कि इस हादसे में आठ लोगों की मौत हो गई है। मृतकों में ट्रेन के लोको पायलट भी शामिल हैं। मृतकों का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है। कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटना एनएफ रेलवे के सीपीआरओ सब्यसाची डे का कहना है कि लगभग 25 लोग घायल हो गए हैं और उन्हें पास के अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया है। बचाव अभियान युद्ध स्तर पर चल रहा है। हम बचाव अभियान को समाप्त करने की कोशिश कर रहे हैं। वरिष्ठ अधिकारी पहले ही घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार कंचनजंगा को एक मालगाड़ी ने पीछे से टक्कर मार दी है। हमें 8 लोगों की मौत की जानकारी मिली है।

पश्चिम बंगाल में कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटना पर पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी का बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा कि अभी इसके कारण के बारे में बात करना जल्दबाजी होगी लेकिन आधुनिक समय में इसकी जांच और गहन सुधार की आवश्यकता है। मैं अनुमान लगा रहा हूं कि संभवतः यह इंजन ‘कवच’ (एक स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली) नहीं थी। मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि सरकार सुधारात्मक कार्रवाई करेगी।

 

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