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मुख्य समाचार

भाजपा के लिए आरएसएस सुप्रीम कोर्ट : नीतीश

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पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को एक बार फिर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के उस बयान को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा, जिसमें उन्होंने ‘आरक्षण की समीक्षा’ करने की बात कही थी। नीतीश ने कहा कि भाजपा के लिए आरएसएस सर्वोच्च न्यायालय की तरह है। भाजपा, आरएसएस का एक राजनीतिक संगठन है।

नीतीश ने पटना में जनता दल (युनाइटेड) के प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “आरएसएस प्रमुख अगर कोई बात कह दें तो वह अंतिम होता है। वह सर्वेसर्वा हैं। भाजपा के किसी भी मंत्री या नेता में इतनी हिम्मत नहीं कि वह उनकी बात काट दे।” मुख्यमंत्री ने कहा कि भागवत ने एक साक्षात्कार में जो बातें कही है, उसमें उनके विचार बहुत खतरनाक हैं। भागवत ने कहा है कि संसद नहीं एक समिति ही बताएगी कि किसको आरक्षण मिले और कब तक मिले। यह संविधान के इतर बात है।

नीतीश ने कहा, “अगर संघ ने कुछ कह दिया तो भाजपा की मजाल है कि वह कुछ कर दे। भाजपा के कई मंत्री भी बार-बार कह चुके हैं कि उन्हें स्वयंसेवक होने पर नाज है।”उल्लेखनीय है कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मंगलवार को पटना में एक निजी समाचार चैनल के एक कार्यक्रम में कहा था कि भाजपा आरक्षण विरोधी नहीं है और न ही वर्तमान आरक्षण व्यवस्था में पुनर्विचार किए जाने की पक्षधर है।

नेशनल

राहुल गांधी ने फिर उठाए ईवीएम पर सवाल, कहा- ये एक ब्लैक बाॅक्स है, किसी को इसकी जांच की इजाजत नहीं

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नई दिल्ली। लोकसभा चुनावों के दौरान विपक्ष ने ईवीएम का मुद्दा जमकर उठाया था। हालांकि चुनावी नतीजे आने के बाद ये मुद्दा गायब सा हो गया था। अब एक बार फिर राहुल गाँधी ने ईवीएम का मुद्दा उठाया है। राहुल गांधी ने बिजनेसमैन एलन मस्क की पोस्ट को रिट्वीट करते हुए लिखा कि भारत में ईवीएम एक ब्लैक बाॅक्स है और किसी को इसकी जांच की इजाजत नहीं है। हमारी चुनावी प्रकिया में पारदर्शिता को लेकर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं। जब संस्थाओं में जवाबदेही की कमी होती है तो लोकतंत्र एक दिखावा बन जाता है।

राहुल गांधी ने अपनी पोस्ट में हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव से जुड़ी एक घटना का जिक्र किया है। राहुल ने इससे जुड़ी खबर को शेयर किया है। इस मामले में ईवीएम को लेकर सवाल उठाए गए हैं। मुंबई पुलिस ने शिवसेना शिंदे गुट के सांसद रविंद्र वायकर के साले मंगेश पांडिलकर के खिलाफ केस दर्ज किया है। मंगेश पांडिलकर पर यह आरोप है कि उसने मुंबई के गोरेगांव चुनाव केंद्र के अंदर पाबंदी के बावजूद मोबाइल का इस्तेमाल किया था।

मुंबई पुलिस ने पांडिलकर को मोबाइल देने के आरोप में चुनाव आयोग के एक कर्मचारी के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। दरअसल, इस मामले में मुंबई की नॉर्थ पश्चिम सीट से चुनाव लड़नेवाले कई उम्मीदवारों की तरफ से भी शिकायतें मिली थीं। जिसके बाद मामला दर्ज किया गया। बता दें कि शिवसेना शिंदे के उम्मीदवार रविंद्र वायकर दोबारा काउंटिंग होने के बाद केवल 48 वोटों से चुनाव जीतने में सफल रहे थे। इस पर काफी विवाद भी हुआ था।

 

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