मुख्य समाचार
‘दामादों’ की नियुक्ति मामले में दखल नहीं देंगे राज्यपाल नाइक
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुखदेव राजभर पर अपने-अपने दामादों की नियुक्ति गलत तरीके से करने का आरोप लगा था। इस मामले की जांच कराने का आग्रह राज्यपाल से किया गया था, लेकिन राजभवन ने इन दोनों मामलों में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. नूतन ठाकुर ने इस पूरे मामले की शिकायत राजभवन से की थी और इसकी जांच कराने का आग्रह किया था, लेकिन राज्यपाल की प्रमुख सचिव जुथिका पाटनकर ने एक पत्र भेजकर राजभवन का रुख स्पष्ट कर दिया है।
राज्यपाल की प्रमुख सचिव जुथिका पाटनकर ने डॉ. नूतन को 21 जुलाई को भेजे पत्र में कहा है कि राजभवन के पास विधानसभा में की गई नियुक्तियों के संबंध में जांच कराने की कोई संवैधानिक या विधिक भूमिका नहीं होती है। प्रमुख सचिव ने कहा है कि राजभवन विधानसभा से जुड़े इन दोनों मामलों की जांच नहीं कर सकता। पत्र में हालांकि यह भी कहा गया है कि डॉ. नूतन ठाकुर उचित फोरम पर इस प्रकरण को उठाने के लिए स्वतंत्र हैं।
ज्ञात हो कि नूतन ठाकुर ने राज्यपाल राम नाईक से शिकायत की थी कि माता प्रसाद पांडेय ने अपने बड़े दामाद प्रदीप कुमार पांडेय को संपादक और छोटे दामाद नरेंद्र शंकर पांडेय को ओएसडी नियुक्ति किया है, जबकि पूर्व विधानसभा अध्यक्ष राजभर ने अपने दामाद राजेश कुमार को शोध और संदर्भ अधिकारी के पद पर बिना न्यूनतम अर्हता पूरी किए व बिना प्रक्रिया का पालन किए नियुक्त करने की शिकायत की थी। बेशुमार जनहित याचिकाओं के लिए चर्चित नूतन ठाकुर ने कहा कि वह अब इस मामले को अदालत में ले जाएंगी।
नेशनल
राहुल गांधी ने फिर उठाए ईवीएम पर सवाल, कहा- ये एक ब्लैक बाॅक्स है, किसी को इसकी जांच की इजाजत नहीं
नई दिल्ली। लोकसभा चुनावों के दौरान विपक्ष ने ईवीएम का मुद्दा जमकर उठाया था। हालांकि चुनावी नतीजे आने के बाद ये मुद्दा गायब सा हो गया था। अब एक बार फिर राहुल गाँधी ने ईवीएम का मुद्दा उठाया है। राहुल गांधी ने बिजनेसमैन एलन मस्क की पोस्ट को रिट्वीट करते हुए लिखा कि भारत में ईवीएम एक ब्लैक बाॅक्स है और किसी को इसकी जांच की इजाजत नहीं है। हमारी चुनावी प्रकिया में पारदर्शिता को लेकर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं। जब संस्थाओं में जवाबदेही की कमी होती है तो लोकतंत्र एक दिखावा बन जाता है।
राहुल गांधी ने अपनी पोस्ट में हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव से जुड़ी एक घटना का जिक्र किया है। राहुल ने इससे जुड़ी खबर को शेयर किया है। इस मामले में ईवीएम को लेकर सवाल उठाए गए हैं। मुंबई पुलिस ने शिवसेना शिंदे गुट के सांसद रविंद्र वायकर के साले मंगेश पांडिलकर के खिलाफ केस दर्ज किया है। मंगेश पांडिलकर पर यह आरोप है कि उसने मुंबई के गोरेगांव चुनाव केंद्र के अंदर पाबंदी के बावजूद मोबाइल का इस्तेमाल किया था।
मुंबई पुलिस ने पांडिलकर को मोबाइल देने के आरोप में चुनाव आयोग के एक कर्मचारी के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। दरअसल, इस मामले में मुंबई की नॉर्थ पश्चिम सीट से चुनाव लड़नेवाले कई उम्मीदवारों की तरफ से भी शिकायतें मिली थीं। जिसके बाद मामला दर्ज किया गया। बता दें कि शिवसेना शिंदे के उम्मीदवार रविंद्र वायकर दोबारा काउंटिंग होने के बाद केवल 48 वोटों से चुनाव जीतने में सफल रहे थे। इस पर काफी विवाद भी हुआ था।
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