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अब चिदम्बरम बोले- केंद्र से सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगेंगे लोग

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chidambaram– कांग्रेस कार्यकाल में भी सर्जिकल स्ट्राइक होने का किया दावा

– बोले, संयम की नीति के कारण सरकार ने नहीं लिया श्रेय

नई दिल्ली। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के समय भी सीमा पार जाकर सर्जिकल स्ट्राइक किए जाने दावा करते हुए कांग्रेस नेता पी. चिदम्बरम ने मंगलवार को कहा कि लोग हाल में नियंत्रण रेखा के पार (एलओसी) किए गए सर्जिकल स्ट्राइक का वीडियो फुटेज जारी करने की मांग करेंगे, क्योंकि नरेंद्र मोदी सरकार ने सैन्य कार्रवाई का राजनीतिक श्रेय लिया है। एक टीवी चैनल के साथ बातचीत में चिदम्बरम ने कहा कि कांग्रेसनीत संप्रग सरकार ने सैन्य कार्रवाई का श्रेय नहीं लिया था। इसके विपरीत नरेंद्र मोदी सरकार ने जान बूझकर सैन्य कार्रवाई का राजनीतिक श्रेय लिया है।

कांग्रेस नेता ने टीवी चैनल सीएनएन न्यूज 18 से कहा, सीमा पार जाकर इस तरह की सैन्य कार्रवाइयां पहले भी हुई हैं, जिनमें इस तरह की कम से कम एक कार्रवाई की पुष्टि जनवरी, 2013 को तत्कालीन सेनाध्यक्ष जनरल बिक्रम सिंह ने की थी। अन्य भी हुई हैं, लेकिन मैं विस्तार से उल्लेख नहीं करना चाहता हूं।
पूर्व गृह मंत्री ने कहा, सीमा पार कार्रवाई का राजनीतिक श्रेय लेने और जोर शोर से प्रचार करने पर केवल यही उम्मीद की जाएगी कि लोग वीडियो जारी करने की मांग करेंगे। इसलिए मैं आश्वस्त हूं कि विशुद्ध सैनिक कार्रवाई का राजनीतिक श्रेय लेने के परिणामों के बारे में सरकार ने जरूर सोचा होगा।

चिदम्बरम ने कहा, और, परिणामों को लेकर सोचा है तो वीडियो जारी करने की मांग पर सरकार को जवाब देने दीजिए। कांग्रेस नेता ने संप्रग के शासनकाल में हुई इस तरह की कार्रवाई का प्रचार नहीं करने का श्रेय सरकार की सामरिक संयम नीति को दिया।

उन्होंने कहा, हमारी सरकार ने फैसला किया था कि सीमा पार जाकर कार्रवाई करना सेना का निर्णय होना चाहिए और यह सेना के जनरलों पर है कि वे क्या कहना चाहते हैं। हमने सैन्य कार्रवाई का राजनीतिक श्रेय नहीं लिया। इस सरकार ने वह जिम्मेदारी ले ली।

पूर्व गृह मंत्री ने कहा, हमने सही रणनीति का अनुसरण किया। हमारी सामरिक संयम की नीति थी। नीतियों को अनुकूल बनाना या उसमें सुधार करना निसंदेह, प्रत्येक सरकार का विशेषाधिकार है। अगर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार ने सामरिक संयम की नीति में सुधार, बदलाव किया है तो यह उनका फैसला है, उस फैसले का परिणाम उन्हें भुगतना है।

कांग्रेस नेता ने कहा, विपक्ष के रूप में हम सरकार का समर्थन करते हैं, लेकिन नीतियों में सुधार और सैनिक कार्रवाई के राजनीतिक श्रेय लेने के फैसले के परिणामों की पूरी जिम्मेदारी मोदी सरकार की है। उन्होंने कहा कि साल 2004 से 2014 के बीच संप्रग के शासनकाल में किसी अन्य काल से अधिक आतंकवादी गिरफ्तार किए गए थे और मारे गए थे।

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राहुल गांधी ने फिर उठाए ईवीएम पर सवाल, कहा- ये एक ब्लैक बाॅक्स है, किसी को इसकी जांच की इजाजत नहीं

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नई दिल्ली। लोकसभा चुनावों के दौरान विपक्ष ने ईवीएम का मुद्दा जमकर उठाया था। हालांकि चुनावी नतीजे आने के बाद ये मुद्दा गायब सा हो गया था। अब एक बार फिर राहुल गाँधी ने ईवीएम का मुद्दा उठाया है। राहुल गांधी ने बिजनेसमैन एलन मस्क की पोस्ट को रिट्वीट करते हुए लिखा कि भारत में ईवीएम एक ब्लैक बाॅक्स है और किसी को इसकी जांच की इजाजत नहीं है। हमारी चुनावी प्रकिया में पारदर्शिता को लेकर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं। जब संस्थाओं में जवाबदेही की कमी होती है तो लोकतंत्र एक दिखावा बन जाता है।

राहुल गांधी ने अपनी पोस्ट में हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव से जुड़ी एक घटना का जिक्र किया है। राहुल ने इससे जुड़ी खबर को शेयर किया है। इस मामले में ईवीएम को लेकर सवाल उठाए गए हैं। मुंबई पुलिस ने शिवसेना शिंदे गुट के सांसद रविंद्र वायकर के साले मंगेश पांडिलकर के खिलाफ केस दर्ज किया है। मंगेश पांडिलकर पर यह आरोप है कि उसने मुंबई के गोरेगांव चुनाव केंद्र के अंदर पाबंदी के बावजूद मोबाइल का इस्तेमाल किया था।

मुंबई पुलिस ने पांडिलकर को मोबाइल देने के आरोप में चुनाव आयोग के एक कर्मचारी के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। दरअसल, इस मामले में मुंबई की नॉर्थ पश्चिम सीट से चुनाव लड़नेवाले कई उम्मीदवारों की तरफ से भी शिकायतें मिली थीं। जिसके बाद मामला दर्ज किया गया। बता दें कि शिवसेना शिंदे के उम्मीदवार रविंद्र वायकर दोबारा काउंटिंग होने के बाद केवल 48 वोटों से चुनाव जीतने में सफल रहे थे। इस पर काफी विवाद भी हुआ था।

 

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