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हर जिला अस्पताल में हो रैपिड एंटीजन जांच की व्यवस्था: योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश में बढ़ते कोरोना मामलों को लेकर काफी चिंतित हैं। सीएम योगी कोरोना से निपटने के लिए एक के बाद एक बड़े कदम उठा रहे हैं। अब सीएम योगी ने राज्य में कोविड-19 जांच क्षमता में लगातार वृद्धि करने की हिदायत देते हुए हर जिला अस्पताल में रैपिड एंटीजन जांच की व्यवस्था करने के आदेश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास पर अनलॉक व्यवस्था की समीक्षा के दौरान कहा कि 25 लाख तक की जनसंख्या वाले जिलों में प्रतिदिन एक हजार से अधिक और 25 लाख से अधिक आबादी वाले जिलों में 1,500 से अधिक जांच एंटीजन के माध्यम से की जाएं। उन्होंने कहा कि हर जिला चिकित्सालय में रैपिड एंटीजन जांच की व्यवस्था हो। साथ ही ट्रूनैट मशीन के माध्यम से प्रतिदिन 2,500 से अधिक टेस्ट किए जाएं।
मुख्यमंत्री ने अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त और अपर मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) को मंगलवार को बरेली और मुरादाबाद मण्डलों में कोरोना वायरस के मद्देनजर स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति की मौके पर समीक्षा करने के निर्देश दिए। उन्होंने अपर मुख्य सचिव (चिकित्सा शिक्षा) और अपर मुख्य सचिव (ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज) को भी मंगलवार को आगरा और अलीगढ़ मण्डलों में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति की मौके पर समीक्षा करने के निर्देश दिए।
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उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
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