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प्रादेशिक

योगी सरकार ने पेश किया 4.79 लाख करोड़ का बेहतरीन बजट, राम जन्म भूमि को दिया बड़ा तोहफा

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बजट

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गुरुवार को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने विधानसभा में 4.79 लाख का बजट पेश किया। यह उनका तीसरा बजट है जिसमें  21 हजार 212 करोड़ की नई योजनाओं की घोषणा वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने की। चलिए जानते हैं बजट से जुड़े कुछ अपडेट्स।

Updates-

उत्तर प्रदेश का कुल बजट 479701.10 लाख करोंड़ रुपए।

नई परियोजनाओं के लिए 22 हज़ार 212 करोड़ 95 लाख रुपये निर्धारित।

संस्कृति विभाग में मथुरा वृंदावन के मध्य आडोटोरियम के निर्माण हेतु 8 करोड़ 38 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।

सार्वजनिक रामलीला स्थलों में चारदीवारी निर्माण हेतु 5,00,00,000 की व्यवस्था प्रस्तावित।

वृंदावन शोध संस्थान के सुदृढ़ीकरण हेतु 1 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।

उत्तर प्रदेश ब्रिज तीर्थ में अवस्थापना सुविधाओं हेतु 125 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।

अयोध्या में प्रमुख पर्यटन स्थलों के समेकित विकास हेतु 101 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

गढ़मुक्तेश्वर के पर्यटक स्थलों की समेकित विकास हेतु 27 करोड़ की व्यवस्था।

पर्यटन नीति 2018 के क्रियान्वयन हेतु 70 करोड रुपये और प्रो पुआर टूरिस्ट के लिए 50 करोड़ की व्यवस्था।

बजट में वाराणसी में लहर तारा तालाब कबीर स्थल और गुरु रविदास की जन्म स्थली सीर गोवर्धनपुर का सुदृढ़ीकरण किया जाना प्रस्तावित।

प्रयागराज में ऋषि भारद्वाज आश्रम का विकास किया जाना प्रस्तावित।

अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र छात्राओं को छात्रवृत्ति योजना हेतु 942 करोड रुपये की व्यवस्था।

अरबी-फारसी मदरसों के आधुनिकरण हेतु 459 करोड़ की व्यवस्था।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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