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प्रादेशिक

लखनऊ में धूमधाम से मनाया गया विश्व कुंग फू दिवस

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लखनऊ। आत्मरक्षा की कला कुंग फू के जनक बोधिधर्मा का जन्मदिन अंतर्राष्ट्रीय बोधि दिवस के रूप में देश के विभिन्न राज्यों में मनाया गया। इस मौके पर कुंग फू के खिलाड़ियों ने कुंग फू की विभिन्न विधाओं का हैरत अंगेज प्रदर्शन कर दर्शकों को दांतो तले दबाने पर मजबूर कर दिया। इस अवसर पर भारतीय कुंग फू फेडरेशन ने देश और मणिपुर राज्य के सबसे बुजुर्ग कुंग फू मास्टर जसवंता सिंह को उनकी लाईफ टाईम अचीवमेंट के लिए एक लाख रुपए का चेक प्रदान किया गया।

उल्लेखनीय है कि 19 दिसंबर 2020 को ड्रैगन एकेडमी ऑफ मार्शल आर्ट्स के 31 वें वार्षिकोत्सव समारोह तथा आत्मरक्षा की कला कुंग फू के संस्थापक बोधिधर्म के जन्म दिवस समारोह धूमधाम से मनाया गया। जिसमें ड्रैगन एकेडमी ऑफ मार्शल आर्ट के विभिन्न बालक बालिका कुंगफू खिलाड़ियों के द्वारा संस्थान के बोधि सभागार में कुंग फू खेल के संस्थापक बोधिधर्मा का जन्मदिन समारोह “विश्व कुंगफू दिवस” के रूप में  तथा संस्थान का 31 वां वार्षिकोत्सव समारोह हर्षोल्लास के मनाया गया।

इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारतीय कुंगफू महासंघ के अध्यक्ष डॉक्टर सुधीर कुमार बोबडे आईएएस के द्वारा मुख्य अतिथि के रूप में पधारने की स्वीकृति प्रदान की गई है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना काल के इस दौर में कुंग फू छोटे-बड़े सभी को स्वस्थ बना रहा है। फिटनेस के लिए कुंग फू रामबाण साबित हो रहा है। इसके साथ ही कुंग फू स्वस्थ राष्ट्र और अनुशासित नागरिक भी तैयार कर रहा है। यह राष्ट्र की सच्ची सेवा है।

ड्रैगन एकेडमी ऑफ मार्शल आर्ट्स के संस्थापक और अंतराष्ट्रीय कुंग फू कोच ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि यह बड़े गौरव की बात है कि ड्रैगन एकेडमी ऑफ मार्शल आर्ट्स के 31वें स्थापना दिवस के अवसर पर कुंग फू के जनक बोधि धर्मा का जन्मदिन मनाया गया। बीते 31 वर्ष में यह एकेडमी हजारों राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी तैयार कर देश का नाम रोशन कर चुकी है। कुंग फू एक जीवन शैली है। इससे जहां एक कुंग फू खिलाड़ी ता उम्र स्वस्थ रहता है वही किसी भी परिस्थितियों में अपने जुझारू तेवरसे सामना करते है।इस अवसर पर विभिन्न कुंगफू के विशिष्ट खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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