प्रादेशिक
पश्चिम बंगाल में लगा पूर्ण लॉकडाउन, जरूरी सेवाएं रहेंगी चालू
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के बढ़ते कहर को देखते हुए पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने राज्य में पूर्ण लॉकडाउन लगाने का फैसला किया है। मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं। इसके मुताबिक, बंगाल में 16 मई से 30 मई तक लॉकडाउन रहेगा।
इस दौरान सिर्फ जरूरी सेवाएं ही चालू रहेंगी। प्राइवेट ऑफिस, स्कूल-कॉलेज सब बंद रहेंगे। फल-सब्जी और राशन की दुकानें भी सुबह 7 बजे से 10 बजे तक ही खुली रहेंगी।
राज्य के मुख्य सचिव के मतुाबिक, कंप्लीट लॉकाडाउन के दौरान बंगाल में जरूरी सेवाओं के आलावा कुछ भी चालू नहीं रहेगा और इनसे जुड़े लोगों को ही यात्रा करने की छूट रहेगी।
बंगाल में शादियों में सिर्फ 50 लोगों के शामिल होने की अनुमति है जबकि अंतिम संस्कार में अदिकतम 20 लोग शामिल हो सकेंगे। साथ ही धार्मिक स्थलों को भी बंद कर दिया गया है।
आदेश के मुताबिक, बंगाल में राशन जैसे जरूरी सामानों की दुकानें सुबह 7 बजे से लेकर 10 बजे तक ही खुलेंगी, जबकि मिठाई की दुकानें सुबह 10 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक खुलेंगी।
रविवार को ये दुकानें पूरी तरह से बंद रहेंगी। हालांकि, पेट्रोल पंप खुले रहेंगे और बैंकों को सुबह 10 बजे लेकर दोपहर 2 बजे तक खोलने की अनुमति होगी। बंगाल में इस दौरान मेट्रो और बस सेवा बंद रहेगी।
उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
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