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नेशनल

WMA ने लखनऊ में की उत्तर प्रदेश की कार्यकारिणी बैठक , इन्हें मिली ज़िम्मेदारी

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उत्तर प्रदेश की कार्यकारिणी के गठन के लिए 22 फरवरी 2019 को लखनऊ में वेब मीडिया एसोसिएशन (WMA) ने विशेष बैठक की। इस बैठक में एसोसिएशन की नई टीम के साथ WMA के राष्ट्रीय संरक्षक चंद्रसेन वर्मा और राष्ट्रीय महासचिव मो. कामरान भी शामिल हुए ।

उत्तर प्रदेश की कार्यकारिणी के गठन पर WMA के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर जोशी ने एसोसिएशन की UP टीम को बधाई दी। बैठक में राजेंद्र गौतम को यूपी कार्यकारिणी का अध्यक्ष चुना गया। उनके साथ साथ कई सदस्यों को नई जिम्मेदारियां भी दी गईं। एसोसिएशन के रजिस्टर्ड कार्यालय पर हुई इस बैठक का उद्देश्य था, उत्तर प्रदेश में वेब मीडिया एसोसिएशन की कार्यकारिणी किस प्रकार बेव मीडिया से जुड़े पत्रकारों को उनका हक दिलाएगी और संगठन का विस्तार कैसे किया जाएगा।

इस बैठक में शामिल हुए एसोसिएशन के राष्ट्रीय संरक्षक चंद्रसेन वर्मा ने बताया, ” एसोसिएशन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी जिस तरह पूरे देश मे यूनियन का विस्तार कर रही है, वैसे ही उत्तर प्रदेश की कार्यकारिणी यूनियन के विस्तार पर काम करेगी। इससे बेव मीडिया से जुड़े पत्रकारों को उनका हक मिल पाएगा, जैसे कि प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े पत्रकारों को विशेष मान्यता दी जाती है। ”

WMA के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर जोशी ने एसोसिएशन की UP टीम को बधाई दी

लखनऊ में 22 फरवरी को हुई एसोसिएशन की कार्यकारिणी बैठक में राजेंद्र गौतम को प्रेसिडेंट, शाश्वत तिवारी को सीनियर वाइस प्रेसिडेंट, अमिताभ त्रिवेदी को वाइस प्रेसिडेंट, श्रीधर अग्निहोत्री को वाइस प्रेसिडेंट, अशोक मिश्रा को वाइस प्रेसिडेंट, रंजीत गुप्ता को जनरल सेक्रेटरी, हरी मेहरोत्रा को सेक्रेटरी, काज़िम ज़हीर को ज्वाइंट सेक्रेटरी, सोनिका श्रिवास्तव को कोषाध्यक्ष बनाया गया है।

 

बैठक में एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव मो. कामरान ने बताया कि आने वाले समय में एसोसिएशन यूपी में मंडलवार अपने सदस्यों को नियुक्त करेगा, जिससे प्रदेश में कोने कोने में बेव जर्नलिस्टों को फायदा मिल सके।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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