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अन्तर्राष्ट्रीय

टीएमसी और बीजेपी के बीच झंडे को लेकर चली गोलियां, 4 लोगों की मौत

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नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के बाद भी पश्चिम बंगाल में हिंसा समाप्त होने का नाम नहीं ले रही है। शनिवार को 24 परगना जिले के नजत इलाके में भाजपा और टीएमसी कार्यकर्ताओं एकदूसरे से एक बार फिर भिड़ गए।

हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई जबकि 3 घायल हैं। सूत्रों के मुताबिक दोनों पार्टियों में झंडे को लेकर कहासुनी शुरू हुई जो बाद में खूनी संघर्ष में बदल गई। हिंसा के बाद पुलिस ने स्थिति को काबू में रखने के लिए बड़ी संख्या में  पुलिस दल को घटनास्थल पर तैनात किया है।

भाजपा के सूत्रों ने दावा किया है कि संबंधित इलाके से पार्टी के झंडे हटाने पर हिंसा की शुरुआत हुई। भाजपा नेता सायंतन बसु ने बताया कि उनकी पार्टी के तीन कार्यकर्ता (सुकांता मंडल, प्रदीप मंडल और शंकर मंडल) की उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई, जब वह टीएमसी कार्यकर्ताओं को भाजपा के झंडे हटाने से रोक रहे थे।

बसु ने बताया, “हमें अपने तीन कार्यकर्ताओं का शव मिला है। हमने सुना है कि दो और कार्यकर्ताओं की भी मौत हो गई है लेकिन अभी उनके शव नहीं मिले हैं। वो हमारी पार्टी के झंडे और पोस्टर हटाने की कोशिश कर रहे थे, जब हमने विरोध किया तो हमारे कार्यकर्ताओं को गोली मार दी गई।”

भाजपा के वरिष्ठ नेता मुकुल रॉय का कहना है कि पार्टी इस घटना के बारे में केंद्रीय मंत्री अमित शाह को बताएगी। वहीं टीएमसी भी दावा कर रही है कि उसके एक समर्थक की मौत हो गई है।

24 परगना जिले के अध्यक्ष और मंत्री ज्योतिप्रियो मुल्लिक का कहना है कि उनकी “पार्टी के कार्यकर्ता कायुम मोल्लाह को भी भाजपा कार्यकर्ताओं ने गोली मार दी है।”

अन्तर्राष्ट्रीय

सरबजीत सिंह के हत्यारे की लाहौर में हत्या, अज्ञात हमलावरों ने घर में घुसकर मारी गोली

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नई दिल्ली। पाकिस्तान की जेल में सरबजीत सिंह की हत्या करने वाले शख्स अमीर सरफराज तांबा अज्ञात बंदूकधारियों ने घर में घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी है। जानकारी के मुताबिक, अमीर सरफराज तांबा लाहौर के इस्लामपुरा इलाके में रहता था, जहां मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने उसके घर में घुसकर उसे मौत के घाट उतार दिया।

सरबजीत सिंह की हत्या करने वाले अमीर सरफराज को लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद का करीबी माना जाता था। सरफराज को ‘लाहौर के असली डॉन’ के नाम से जाना जाता था। सरफराज पाकिस्तान में कई संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त था और और सरकार और प्रशासन का संरक्षण प्राप्त था। FIR में सरफराज के भाई जुनैद ने पूरे घटनाक्रम का सिलसिलेवार जिक्र किया है।

जुनैद ने बताया कि जिस समय अज्ञात बंदूकधारी घर में घुसे, तब वह अपने भाई सरफराज के साथ घर में मौजूद था। जुनैद ने बताया कि वो ग्राउंड फ्लोर पर था, जबकि अमीर सरफराज ऊपर वाले फ्लोर पर था। दोपहर में करीब 12.40 बजे पर 2 अज्ञात लोग मोटरसाइकिल पर सवार होकर उसके घर पहुंचे। इसमें से एक व्यक्ति ने हेलमेट पहना था और दूसरे व्यक्ति ने मास्क लगाया था। दोनों ने घर में घुसते ही अमीर सरफराज पर 3 गोलियां चलाई और फरार हो गए।

गौरतलब है कि भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह को पाकिस्तान ने जासूसी का आरोप लगाकर गिरफ्तार किया था। सरबजीत 30 अगस्त 1990 को गलती से पाक सीमा में चला गया था। तब पाक पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था और इस्लामाबाद में हुए बम धमाकों के मामले में गिरफ्तार किया था। पाक पुलिस का दावा था कि भारत के तरनतारन के गांव भिखीविंड निवासी सरबजीत सिंह भारतीय एजेंसियों का जासूस है। कई सालों तक पाक जेल में बंद रखने के बाद पाक खुफिया एजेंसी ISI के इशारों पर अमीर सरफराज ने साल 2013 में जेल में सरबजीत की हत्या कर दी थी।

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