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प्रादेशिक

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे राम मंदिर भूमिपूजन कार्यक्रम की मेजबानी

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अयोध्या। अयोध्या में 5 अगस्त को राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया जाएगा। राम मंदिर के लिए भूमि पूजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। जबकि इस पूरे कार्यक्रम की मेजबानी यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ करेंगे। कोरोना के मद्देनजर योगी के अलावा किसी भी प्रदेश के मुख्यमंत्री को कार्यक्रम में बुलाया नहीं गया है।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के जनरल सेक्रेटरी चंपत राय ने कहा है कि पांच अगस्त को होने वाले भूमि पूजन कार्यक्रम की मेज़बानी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेगें और किसी प्रदेश के मुख्यमंत्री को नहीं बुलाया जाएगा।

चंपत राय ने कहा कि कोरोना महामारी खत्म होने के बाद हम सभी को बुलाएंगे। हम भूमिपूजन के समय मुख्यमंत्री सम्मेलन नहीं करना चाहते हैं। चंपत राय ने कहा कि भूमिपूजन कार्यक्रम के दौरान सभी को सरकार द्वारा कोरोना को लेकर जारी गाइडलाइन्स का पूर्ण रूप से पालन होगा।

#uttarpradesh #ayodhya #ranmandir #bhumipujan

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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