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आध्यात्म

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहुंचे बद्रीनाथ धाम, किए बाबा के दर्शन

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार सुबह बद्रीनाथ धाम पहुंचे। इस दौरान उनके साथ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी थे। दोनों ने धाम में प्रवेश कर विशेष पूजा-अर्चना की। इससे पहले सीएम योगी ने उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में बाबा के दर्शन किए।

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सीएम योगी आदित्यनाथ मंगलवार को बद्रीनाथ धाम में यूपी सरकार के पर्यटक आवास गृह का शिलान्यास और भूमिपूजन किया। मुख्यमंत्री के निर्देश पर उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग की ओर से चमोली जिले के तहसील जोशीमठ में स्थित श्री बद्रीनाथ धाम में एक एकड़ भूमि पर 40 कमरों के पर्यटक आवास गृह का निर्माण कराया जा रहा है। 40 कमरों वाला पर्यटक गेस्ट हाउस गढ़वाल शैली में निर्मित हरे रंग का एक भवन होगा और इसके दो साल में पूरा होने की उम्मीद है।

एक एकड़ भूमि पर परियोजना का निर्माण प्रस्तावित है और इसमें एक रेस्तरां, कॉन्फ्रेंस हॉल, डॉर्मिटरी, पार्किंग होगी। बद्रीनाथ धाम के दर्शन के लिए आने वाले देशी और विदेशी पर्यटक और भक्त ठहर सकेंगे।

#Uttarkhand #uttarpradesh #kedarnath #badrinath

आध्यात्म

आज पूरा देश मना रहा रामनवमी, जानिए इसके पीछे की पूरी पौराणिक कहानी

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नई दिल्ली। आज पूरे देश में रामनवमी का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। जो विष्णु का सातवां अवतार थे। रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। आइये जानते हैं इसके पीछे की पौराणिक कहानी।

पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम ने भी मां दुर्गा की पूजा की थी, जिससे कि उन्हें युद्ध के समय विजय मिली थी। साथ ही माना जाता है इस दिन गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस की रचना का आरंभ किया। राम नवमी का व्रत जो भी करता है वह व्यक्ति पापों से मुक्त होता है और साथ ही उसे शुभ फल प्रदान होता है

रामनवमी का इतिहास-

महाकाव्य रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी। कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी। शादी को काफी समय बीत जाने के बाद भी राजा दशरथ के घर किसी बालक की किलकारी नहीं गूंजी थी। इसके उपचार के लिए ऋषि वशिष्ट ने राजा दशरथ से पुत्र प्राप्ति के लिए कमेश्टी यज्ञ कराने के लिए कहा। जिसे सुनकर दशरथ खुश हो गए और उन्होंने महर्षि रुशया शरुंगा से यज्ञ करने की विन्नती की। महर्षि ने दशरथ की विन्नती स्वीकार कर ली। यज्ञ के दौरान महर्षि ने तीनों रानियों को प्रसाद के रूप में खाने के लिए खीर दी। इसके कुछ दिनों बाद ही तीनों रानियां गर्भवती हो गईं।

नौ माह बाद चैत्र मास में राजा दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या ने भगवान राम को जन्म दिया, कैकयी ने भरत को और सुमित्रा ने दो जुड़वा बच्चे लक्ष्मण और शत्रुघन को जन्म दिया। भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में धरती पर जन्म इसलिए लिया ताकि वे दुष्ट प्राणियों का नरसंहार कर सके।

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