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प्रादेशिक

बलिया गोलीकांड के आरोपी ने वीडियो जारी कर खुद को बताया बेगुनाह

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बलिया। उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में हुए गोलीकांड के मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह ने एक वीडियो जारी कर खुद को बेक़सूर बताया है।  धीरेंद्र ने आरोप लगाया है कि मौके पर मौजूद अधिकारी अगर न्याय संगत निर्णय लेते तो माहौल इस कदर नहीं बिगड़ता। उसने जयप्रकाश पाल को गोली मारने के आरोप से इनकार करते हुए कहा कि मुझे नहीं मालूम कि किसकी चलाई गोली से जयप्रकाश की मौत हुई।

इस वीडियो में धीरेंद्र कह रहा है कि उसने अफसरों से बवाल होने की आशंका जाहिर की थी। उसका दावा है कि कई बार पत्र देकर अधिकारियों को कोटे के आवंटन से जुड़ी समस्या से भी अवगत करवाया था लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। उसने एसडीएम, बीडीओ,और सीओ पर रिश्वत लेकर ग्राम प्रधान का पक्ष लेने का आरोप लगाया है। धीरेंद्र ने वीडियो में कहा है कि पंचायत भवन के पास खेत की जुताई कराकर जानबूझकर उस स्थान पर बैठक कराई गई, जहां पाल, गोंड और पासवान जाति के लोगों का घर है। ये दूसरे पक्ष के पैरोकार हैं। उसने आरोप लगाया है कि एसडीएम पाल बिरादरी के हैं और दूसरे पक्ष के पैरोकार भी उसी बिरादरी से हैं।

उसने कहा, “मुझे नहीं पता कि किसने गोली चलाई। मैं अपने परिवार को बचाने के लिए अधिकारियों से गुहार लगा रहा था। वे वहीं खड़े रहे और देखते रहे। मैं एक सैनिक हूं। मैंने हमेशा अपने देश की सेवा करने में विश्वास किया है। मैं मुख्यमंत्री से निष्पक्ष जांच के लिए आग्रह करता हूं।” धीरेंद्र ने कहा कि मैंने बैठक के लिए पर्याप्त सुरक्षाबल के लिए अनुरोध किया था। इसकी अनदेखी के लिए स्थानीय अधिकारी और पुलिस दोषी है। उसने कहा, “मेरे वृद्ध पिता कल हंगामे में गिर गए। मेरे परिवार को लाठियों से पीटा गया। मुझे वीडियो में पिटते हुए देखा गया। मैं एक राजपूत हूं। मैंने गर्व से 18 साल तक सेना की सेवा की। मैं खुद को मुक्त करने और भागने में कामयाब रहा। वे मुझे वहां पीट-पीटकर मारना चाहते थे।”

धीरेंद्र ने कहा कि बैठक के लिए बहुत सारे शीर्ष अधिकारी मौजूद थे। मैंने पहले ही उन्हें आगाह कर दिया था कि हिंसा होने वाली हैं। लेकिन वे बैठक करते रहे। अधिकारी हिंसा में शामिल थे। उन्होंने पैसे ले लिए। बता दें कि बलिया में कोटे की दुकान आवंटन को लेकर दो पक्षों में खूनी संघर्ष हुआ था। आरोप है कि बीजेपी नेता धीरेंद्र ने सीओ और एसडीएम की मौजूदगी में जयप्रकाश पाल नाम के शख्स की गोली मारकर हत्या कर दी। हालांकि अब वीडियो जारी कर धीरेंद्र ने इस बात से इंकार किया है।

नेशनल

बाहुबली मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत, बांदा जेल में बिगड़ी थी तबीयत

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लखनऊ। बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई है। बांदा जेल में मुख्तार को हार्ट अटैक आया था, इसके बाद मुख्तार अंसारी को बांदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। सूत्रों के मुताबिक जेल से लाते वक्त मुख्तार बेहोश था। मुख्तार अंसारी की हालत गंभीर बनी हुई थी। 9 डॉक्टरों का पैनल मुख्तार अंसारी के लिए तैनात किया गया था। इलाज के दौरान मुख्तार अंसारी की मौत हो गई। इस मामले में मेडिकल कॉलेज बांदा के प्रिंसिपल ने चुप्पी साधी हुई है। उधर मुख्तार की मौत के बाद मऊ, बांदा और गाजीपुर में धारा 144 लागू हो गई है। इसके साथ ही यूपी में हाई अलर्ट है और सभी कप्तानों को अलर्ट पर रहने पर कहा गया है।

प्रयागराज में मुख्तार और उनके परिवार का इलाहाबाद हाईकोर्ट में केस देखने वाले वकील अजय श्रीवास्तव प्रयागराज से बांदा के लिए रवाना हो गए हैं। उनका कहना है कि जेल या प्रशासन की तरफ से अभी तक मुख्तार अंसारी के परिवार को कोई सूचना नहीं दी गई है। हालांकि मुख्तार के बेटे उमर अंसारी भी बांदा के लिए रवाना हो गए हैं।

बता दें कि मुख़्तार अंसारी की तबियत रात में अचानक खराब हो जाने और शोचालय में गिर जाने के कारण उसे तत्काल जेल डॉक्टर ने उपचार दिया गया। इसके बाद जिला प्रशासन को अवगत कराकर डॉक्टर्स की टीम बुलायी गई थी। डॉक्टर्स ने मुख्तार  को मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया था। इसके बाद बंदी मुख्तार अंसारी को पुलिस सुरक्षा में मेडिकल कालेज बांदा में भर्ती करा दिया गया था।

बता दें कि मुख्तार अंसारी को पिछले 18 महीने में 8 मामलो में सजा मिल चुकी थी, उसके खिलाफ अलग-अलग जिलों के थानों में कुल 65 मुकदमे दर्ज थे। पिछले 18 सालों से मुख्तार अंसारी जेल में बंद था। यूपी की बांदा जेल में बंद बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी को हार्ट अटैक आया था जिसके बाद उसे बांदा के रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था,लेकिन इलाज के दौरान मुख्तार अंसारी की मौत हो गई।

 

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