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आध्यात्म

संगठन से ही राष्ट्र का निर्माण व व्यक्ति की पहचान होती है: नीरज बोरा

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लखनऊ। संगठन से ही राष्ट्र का निर्माण होता है और संगठन से ही व्यक्ति की पहचान होती है इसलिए सभी लोग एकजुट होकर संगठन को मजबूती प्रदान करें। ये बातें विधायक व संगठन के प्रदेश अध्यक्ष डा. नीरज बोरा ने अंतरराष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन की प्रान्तीय कोर कमेटी की बैठक में कही। ये बैठक सीतापुर रोड स्थित रेवथी रिसोर्ट में सम्पन्न हुई।

इसी क्रम में डा. बोरा ने आज प्रदेश इकाई का पुनर्गठन किया तथा कहा कि जल्द ही पूरे प्रदेश की मण्डल, जिला व महानगर की इकाई पुनर्गठित कर जिलेवार शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किये जायेंगे। आज पुनर्गठन के क्रम में अयोध्या के विधायक वेद प्रकाश गुप्ता व भाजपा के प्रदेश कोषाध्यक्ष संजीव अग्रवाल को संगठन का प्रान्तीय कार्यकारी अध्यक्ष, मनोज अग्रवाल को महामंत्री, संगठन, ब्रजेश गुप्ता ‘चंचल’को प्रधान महामंत्री, बरेली के जितेन्द्र रस्तोगी को प्रदेश महामंत्री, इंजी. श्रीप्रकाश वर्मा को वरिष्ठ उपाध्यक्ष, गोपाल अग्रवाल को मीडिया प्रभारी, कानपुर के नीरज गुप्ता को युवा इकाई का प्रभारी, आगरा के वैभव गर्ग को युवा इकाई का प्रदेश अध्यक्ष, बरेली के आलोक गुप्ता ‘सिटिल’ को युवा इकाई का प्रदेश महामंत्री, वरिष्ठ समाजसेवी आशीष अग्रवाल को औद्योगिक इकाई का चेयरमैन, लोकराम अग्रवाल को लखनऊ का प्रभारी, अनुराग गोयल को लखनऊ की युवा इकाई का अध्यक्ष मनोनीत किया गया।

इसके अतिरिक्त विभिन्न मण्डल प्रभारियों की घोषणा भी की गई। कार्यक्रम का संचालन प्रदेश महामंत्री मनोज अग्रवाल ने किया। बैठक में नारी सुरक्षा, नारी सम्मान व नारी स्वावलम्बन पर आधारित सरकार की मिशन शक्ति योजना का प्रचार-प्रसार करने, पर्यावरण संरक्षण अभियान में सहयोग देने, संगठन की सक्रियता हेतु विशेष प्रयास करने के साथ ही पंचायत चुनाव में एकजुटता का परिचय देने तथा निर्णायक की भूमिका निभाने विषयक प्रस्ताव पारित किये गये।

अयोध्या के विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने राज्य व केन्द्र सरकार की नीतियों को दूरगामी बताते हुए समाज के लिए हितकारी बताया। भाजपा नेता संजीव अग्रवाल ने संगठन को मजबूत बनाने और निरन्तर काम करते रहने का मंत्र दिया। पंचायत चुनाव में एकजुटता का परिचय दे वैश्य समाज: डा. नीरज बोरा: संगठन की राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष मिथिलेश अग्रवाल ने सदस्यता अभियान चलाने पर विशेष बल दिया। बैठक में मीरजापुर से रमेश अग्रहरि, चद्रांशु गोयल, आगरा से दिनेश गोयल, एटा से दिनेश गुप्ता सहित प्रदेश के सभी मण्डलों के प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित रहे।

 

आध्यात्म

आज पूरा देश मना रहा रामनवमी, जानिए इसके पीछे की पूरी पौराणिक कहानी

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नई दिल्ली। आज पूरे देश में रामनवमी का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। जो विष्णु का सातवां अवतार थे। रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। आइये जानते हैं इसके पीछे की पौराणिक कहानी।

पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम ने भी मां दुर्गा की पूजा की थी, जिससे कि उन्हें युद्ध के समय विजय मिली थी। साथ ही माना जाता है इस दिन गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस की रचना का आरंभ किया। राम नवमी का व्रत जो भी करता है वह व्यक्ति पापों से मुक्त होता है और साथ ही उसे शुभ फल प्रदान होता है

रामनवमी का इतिहास-

महाकाव्य रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी। कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी। शादी को काफी समय बीत जाने के बाद भी राजा दशरथ के घर किसी बालक की किलकारी नहीं गूंजी थी। इसके उपचार के लिए ऋषि वशिष्ट ने राजा दशरथ से पुत्र प्राप्ति के लिए कमेश्टी यज्ञ कराने के लिए कहा। जिसे सुनकर दशरथ खुश हो गए और उन्होंने महर्षि रुशया शरुंगा से यज्ञ करने की विन्नती की। महर्षि ने दशरथ की विन्नती स्वीकार कर ली। यज्ञ के दौरान महर्षि ने तीनों रानियों को प्रसाद के रूप में खाने के लिए खीर दी। इसके कुछ दिनों बाद ही तीनों रानियां गर्भवती हो गईं।

नौ माह बाद चैत्र मास में राजा दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या ने भगवान राम को जन्म दिया, कैकयी ने भरत को और सुमित्रा ने दो जुड़वा बच्चे लक्ष्मण और शत्रुघन को जन्म दिया। भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में धरती पर जन्म इसलिए लिया ताकि वे दुष्ट प्राणियों का नरसंहार कर सके।

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