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प्रादेशिक

मकर संक्रांति पर यूपी के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने दी देशवासियों शुभकामनाएं

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लखनऊ। पूरे देश में मकर संक्रांति का त्यौहार बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है। यूपी के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने भी देशवासियों को मकर संक्रांति की शुभकामनाएं दी। इस दौरान उन्होंने बसपा सुप्रीमो मायावती और अखिलेश यादव पत्नी डिम्पल यादव को जन्मदिन की शुभकामनाएं भी दीं। इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर जमकर हमला बोला।
दिनेश शर्मा ने कहा कि गठबंधन से सत्ता पक्ष की नींद उड़ गई है, ये कहना गलत है। नींद उनकी उड़ गई है जो सत्ता से दूर चले गए हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व में दो लड़के यह सोचकर निकले थे कि हम मोदी जी को रोक लेंगे लेकिन दोनों परास्त हुए।
दिनेश शर्मा ने कहा कि ये सभी दलों का अधिकार है कि वह किस से मिले, किसके साथ गठबंधन करे। लेकिन ये नेताओं का गठबंधन हो सकता है। कार्यकर्ताओं का नहीं। ये गठबंधन रहेगा या नहीं ये आगे की बात है लेकिन उनके एक विधायक ने इसका विरोध भी कर दिया है।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने दलितों और वंचितों को उचित सम्मान दिलाया है। अति पिछड़े के रूप में पीएम मोदी  और दलित के रूप में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सर्वोच्च पद पर पहुंचे हैं। हमारी सरकार ने नौकरियों में क्रमवार व्यवस्था कर दी है। किसानों को भुगतान की व्यवस्था हो रही है तो 70% के बजट में किसानों, गरीब की उन्नति के लिए लगाया है। गांव-गांव बिजली पहुंची है।
दिनेश शर्मा ने कहा कि सबसे ज्यादा लाभ पिछड़ों और दलितों को हुआ है। सौभाग्य योजना में सबसे ज्यादा गरीबों को फायदा हुआ है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत भी ऐसे लोगों को ही आवास मिला है। भारतीय जनता पार्टी दो सांसदों से चलकर आज इस स्थिति में पहुंची है। आज बीजेपी दुनिया ाकी सबसे बड़ी पार्टी है।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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