प्रादेशिक
लॉकडाउन 5.0ः यूपी सरकार ने जारी की नई गाइडलाइंस
लखनऊ। केंद्र सरकार की ओर से अनलॉक-1 की घोषणा के बाद अब उत्तर प्रदेश सरकार ने भी लोगों के लिए नई गाइडलाइंस जारी कर दी हैं। ताजा दिशानिर्देश के मुताबिक 8 जून से होटल और धार्मिक स्थल खुलेंगे।
वहीं जुलाई में स्कूल खोले जाएंगे। इसके अलावा अगर किसी जगह एक केस मिलता है तो उसे 250 मीटर के दायरे को कंटेमेंट जोन घोषित किया जाएगा। एक केस मिलने पर फ्लोर सील होगा, जबकि एक से ज्यादा केस मिलने पर टावर सील कर दिया जाएगा।
गाइडलाइंस के मुताबिक अगर किसी घर में केस निकला तो मकान मालिक को पूरा घर सैनिटाइज कराना होगा। दुकानदारों को फेसमास्क, सैनिटाइजर रखना होगा। जिले में कैसे दुकाने खुलेंगी ये डीएम तय करेंगे।
यूपी सरकार की नई गाइलांइस के मुताबिक समस्त कार्यालयों में 100 प्रतिशत अटेंडेंस होगी। तीन पालियों में काम होगा। बाजार सुबह 9 बजे से रात्रि 9 बजे तक खुलेंगे। सुपरमार्केट भी खुलेंगी।
सब्जी मंडियों को 6 से 9 और फल मंडियों को सुबह 8 से रात 8 बजे तक खोला जाएगा। मिठाई की दुकान खोल सकते हैं, लेकिन बैठकर खाने की व्यवस्था नहीं। बस में उतने लोग बैठ सकते हैं जितनी सीटें हैं। कार के लिए भी यही नियम है।
दोपहिया वाहन पर अब दो लोगों की छूट। ऑटो में भी जितनी सीट उतने लोग। बाजार में सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन होना चाहिए। पार्क सुबह 5 से 8 और शाम 5 से 8 बजे तक खुलेंगे।
रोडवेज की बसें चलाने की अनुमति। सैलून, ब्यूटी पार्लर भी खुलेंगे। एक जून से रेल सेवा भी शुरू होगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की गाइड लाइन का ध्यान रखें। 8 जून से शॉपिंग मॉल भी खुलेंगे।
अंतरराष्ट्रीय उडानें बंद रहेंगी। औद्योगिक क्षेत्र में मरीज मिला तो 24 घंटे के लिए रहेगा बंद। बस स्टेशन पर थर्मल स्क्रीनिंग होगी। रात 9 से सुबह 5 बजे तक कर्फ्यू रहेगा। नाइट शिफ्ट में काम कर सकते हैं लेकिन ऑफिस को पिकअप और ड्रॉप करने की सुविधा देनी होगी
उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
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