Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

यूपी में अन्य राज्यों की तुलना में पेट्रोल-डीजल पर लगाए गए वैट-सेस की दर सबसे कमः सुरेश खन्ना

Published

on

Loading

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के वित्त, संसदीय कार्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने पेट्रोल और डीजल के दामों पर नारेबाजी और धरना प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पलटवार करते हुए कहा है कि आईना जब भी उठाया करो, पहले देखा करो, फिर दिखाया करो। वित्त मंत्री ने कहा कि पेट्रोल और डीजल के दामों के खिलाफ जिन लोगों द्वारा सभी प्रमुख शहरों एवं कस्बों में पेट्रोल पंप पर महंगाई के खिलाफ नारेबाजी और धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। उन्हें यह देखना चाहिए की अन्य राज्यों की तुलना में उत्तर प्रदेश में पेट्रोल और डीजल पर लगाए गए वैट व सेस की दर सबसे कम है। उन्होंने कहा कि बिना तथ्यों को समझे इस तरह दैनिक जीवन की सामान्य गतिविधियों को अवरुद्ध करना किसी भी दृष्टि से न्याय संगत नहीं है।

खन्ना ने बताया कि उत्तर प्रदेश में पेट्रोल पर कर की दर18.74 रुपये प्रति लीटर तथा डीजल पर 12.44 रुपए प्रति लीटर है, जबकि अन्य राज्यों जैसे राजस्थान में पेट्रोल पर राज्य कर 27.93 व डीजल पर राज्य कर 19.15 रुपए प्रति लीटर, आंध्र प्रदेश में पेट्रोल पर 26.67 व डीजल पर 15.85 रुपए प्रति लीटर, उड़ीसा में पेट्रोल पर 22.27 रुपए प्रति लीटर व डीजल पर 19.88 रुपए प्रति लीटर व तमिलनाडु में पेट्रोल पर 23.40 रुपये प्रति लीटर राज्य कर है।

उन्होंने बताया कि इसी प्रकार महाराष्ट्र में पेट्रोल पर राज्य कर 28.12 व डीजल पर 16.94 रुपए प्रति लीटर, छत्तीसगढ़ में डीजल पर 17.84 रुपए प्रति लीटर, जबकि तेलंगाना में पेट्रोल पर 24.70 रुपए प्रति लीटर तथा झारखंड में डीजल पर 15.70 रुपए प्रति लीटर राज्य कर के रूप में लिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल में पेट्रोल पर 21.02 रू0 तथा डीजल पर 14.58 रुपए प्रति लीटर जबकि पंजाब में पेट्रोल पर 22.45 रू0 व डीजल पर 12.88 रुपए प्रति लीटर तथा दिल्ली में पेट्रोल पर 21.88 रुपए प्रति लीटर राज्य कर के रूप में वसूल किया जा रहा है। वित्त मंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश में पेट्रोल का उपभोक्ता मूल्य 92.09 रुपए प्रति लीटर तथा डीजल का मूल्य 86.11 रुपए प्रति लीटर है। वहीं दूसरे राज्यों राजस्थान में पेट्रोल की कीमत 101.36 रुपए प्रति लीटर तथा डीजल 94.55 रुपए प्रति लीटर, आंध्र प्रदेश में पेट्रोल 100.27 रुपए प्रति लीटर तथा डीजल 94.57 रुपए प्रति लीटर तथा उड़ीसा में पेट्रोल की कीमत 95.55 तथा व डीजल 93.40 रुपए प्रति लीटर है।

तमिलनाडु में जहां पेट्रोल की कीमत 96.28 रुपए प्रति लीटर है वही महाराष्ट्र में पेट्रोल की कीमत 101.04 रुपए प्रति लीटर व डीजल 93.04 रुपए प्रति लीटर है । इसी प्रकार तेलंगाना में पेट्रोल की कीमत 98.55 रुपए प्रति लीटर व छत्तीसगढ़ में डीजल की कीमत 92.73 रुपए प्रति लीटर, झारखंड में डीजल की कीमत 90.59 रुपए प्रति लीटर है। उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल में पेट्रोल की कीमत 94.81 रुपए प्रति लीटर व डीजल 88.56 रुपए प्रति लीटर तथा दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 94.82 रुपए प्रति लीटर व पंजाब में डीजल की कीमत 87.72 रुपए प्रति लीटर है।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

Published

on

Loading

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

Continue Reading

Trending