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प्रादेशिक

यूपी में सीएम योगी का 3टी फॉर्मूला सफल, एक्टिव केस घटकर हुए 52 हजार

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लखनऊ। अपर मुख्य सचिव ‘सूचना’ नवनीत सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री जी द्वारा प्रदेश में 3 टी के अन्तर्गत एग्रेसिव टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट का अभियान चलाया जा रहा है। 3 टी के तहत प्रदेश में टेस्टिंग बढ़ाने, ऑक्सीजन बेडों की संख्या बढ़ाने, आंशिक कफ्र्यू तथा वैक्सीनेशन पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में कोविड-19 के टेस्ट की संख्या में निरन्तर बढ़ोत्तरी के साथ-साथ कुल एक्टिव केसों तथा कोविड के प्रतिदिन के मामलों में निरन्तर कमी आ रही है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने जो रणनीति अपनाई है उसी का नतीजा है कि आज रिकार्ड 03 लाख 58 हजार से अधिक टेस्ट करने के बाद भी 2 हजार 402 नये मामले आयें हैं।  एक समय पर 03 लाख 10 हजार से अधिक एक्टिव केस थे अब वह घटकर लगभग 52 हजार रह गये हैं। उत्तर प्रदेश के दो जनपद ऐसे निकलकर आयें हैं, जिनमें एक भी कोरोना का मामला नहीं है।

16 जनपद ऐसे हैं जहां सिंगल डिजिट में केस आये हैं। लगभग 53 जिले ऐसे हैं जिनमें 02 डिजिट में केस हैं केवल 04 जनपद ऐसे हैं, जिनमें 03 डिजिट के कोरोना के नये मामले आये हैं। प्रदेश में प्रतिदिन की पाॅजिविटी दर अब 1 प्रतिशत से भी कम हो गयी है। प्रदेश में रिकवरी रेट 95 प्रतिशत से अधिक हो गयी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार 01 जून से टीकाकरण का एक बहुत बड़ा अभियान चलाने जा रही है। उन्होंने बताया कि जून के महीने में टीकाकरण का जो लक्ष्य रखा गया है उसमें 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग व 45 वर्ष अधिक आयु वर्ग के लोगों का जून के महीने में दोनों को मिलाकर 01 करोड़ लोगों का टीकाकरण किया जायेगा। इस टीकाकरण अभियान के लक्ष्य को जुलाई में और बढ़ाया जायेगा। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जी 18 मण्डलों के साथ कई जनपदों में जाकर स्वयं कोविड अस्पताल, गांवों, निगरानी समिति से वार्ता, कन्टेनमेंट जोन में रहने वाले कोविड-19 से रिकवरी करने वालों से वार्ता और इन्टीग्रेटेड कन्ट्रोल से भी वार्ता कर चुके हैं।

श्री सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने ब्लैक फंगस पर चिकित्सा शिक्षा, स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया है कि दवाई की कठिनाई न आने पाये। अगर तुरन्त इंजेक्शन मिलने में कठिनाई आ रही हो तो जो भी वैकल्पिक दवाइयां हों मरीज को उपलब्ध कराई जाय। उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में आॅक्सीजन की समुचित मात्रा उपलब्ध है। प्रदेश में फिलहाल आॅक्सीजन की मांग 50 प्रतिशत घट गयी है। पिछले 24 घंटे में लगभग 552 मी0टन आॅक्सीजन की सप्लाई की गयी है। 490 कम्युनिटी किचन की स्थापना की गयी है, जिसके माध्यम से फूड पैकेट का वितरण निरन्तर किया जा रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा सी0एम0 हेल्पलाइन की स्थापना की गयी है, कल लगभग 42 हजार लोगों को काॅल की गयी है। प्रदेश सरकार द्वारा सभी अस्पतालों में पोस्ट कोविड वार्ड की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।

श्री सहगल ने बताया कि प्रदेश सरकार किसानों के हितों के लिए कृतसंकल्प है और किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उनकी फसल को खरीदे जाने की प्रक्रिया कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए तेजी से चल रही है। उन्होंने बताया 50 कुन्तल से अधिक व 50 कुन्तल से कम गेहूँ लाने वाले किसानों से अलग-अलग खरीदा जाएगा, जिससे किसी प्रकार की समस्या न हो। 01 अप्रैल से 15 जून, 2021 तक गेहँू खरीद का अभियान जारी रहेगा। गेहँू क्रय अभियान में अब तक 07 लाख 58 हजार से अधिक किसानों से 37,24,895.69 मी0 टन गेहूँ खरीदा गया है। उन्होंने बताया कि मा0 मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिया है कि जब तक बाजार में किसान गेहूँ लेकर आता है तब तक उसका गेहूँ खरीदा जाएगा। उन्होंने बताया कि गेहूँ खरीद में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं आनी चाहिए।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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