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ODOP Live: “ओडीओपी समिट से समाप्त होगी प्रदेश में पलायन की समस्या”: मुख्यमंत्री
लखनऊ। लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग की ओर से आयोजित पहली ‘एक जनपद-एक उत्पाद’ (ODOP) समिट में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पहुंचे। राष्ट्रपति ने सबसे पहले उत्तर प्रदेश के सभी जिलों की उत्पाद प्रदर्शनी देखी। इस आयोजन में महामहिम राष्ट्रपति ने लाभार्थियों को ऋण पत्र व टूल किट वितरित किए।
राष्ट्रपति के साथ मंच पर राज्यपाल राम नाइक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या, मुख्य सचिव और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री सत्यदेव पचौरी भी मौजूद रहे। समिट में उपस्थित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंच के समक्ष उपस्थित जनसमूह को संबोधित किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “उत्तर प्रदेश में रोज़गार बढ़ाने के लिए कृषि के बाद सबसे ज्यादा संभावनाएं सूक्ष्म उद्योगों में है। अब हम ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान’ पर भी काम शुरू करने वाले है। पूरे प्रदेश में इतनी संभावनाए होते हुए भी प्रदेश पहले आगे क्यों नहीं बढ़ा? हम जो कहेंगे, उसको जमीन पर उतारेंगे। ‘स्टार्ट अप योजना’ के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने 250 करोड़ का बजट तैयार कर रखा है। कारीगरों को अच्छी टेक्नोलॉजी मिले, हम इसके लिए भी काम करेंगे। ओडीओपी समिट से प्रदेश का पलायन रुकेगा। अब उत्तर प्रदेश देश में अपने आप को एक नई छवि के साथ पेश करेगा।”
आपको बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दीप प्रज्ज्वलन कर ओडीओपी समिट का शुभारंभ किया।
उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
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