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प्रादेशिक

वाराणसी में दो बहने मंदिर गईं, आपस में शादी रचाई और फिर……..

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक मंदिर में दो बहनों ने आपस में शादी रचा ली। जानकारी के मुताबिक एक लड़की कानपुर की रहने वाली है तो दूसरी स्थानीय निवासी है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वाराणसी के रोहनिया थाना के मोहनसराय स्थित धांगड़ बीर बाबा मंदिर के पीछे शिव मंदिर में मंगलवार को दो युवतियां शादी के बंध में बंध गईं। हालांकि इस शादी की अभी तक कोई पुष्टि नहीं कर सका है।

लोगों के मुताबिक शिव मंदिर में दोपहर के समय दो युवतियां जींस और टीशर्ट पहनकर आईं। दोनों ने एक-दूसरे को जयमाल पहनाई। इसके बाद एक युवती ने दूसरी के गले में मंगलसूत्र डाला। फिर दोनों ऑटो में बैठ कर चली गईं।

इस मामले में पुजारी सुड्डू बाबा का कहना है कि  मंदिर में शादी जरूर होती है लेकिन उसकी रजिस्टर में एंट्री की जाती है। मंगलवार को शादी की कोई एंट्री नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि दो युवतियां जरुर आईं थीं, लेकिन उन्होंने किसी से कुछ नहीं कहा। दोनों थोड़ी देर मंदिर में रहीं और कानपुर जाने की बात कर रही थीं। इसके बाद दोनों मंदिर से चली गईं।

जानकारी के अनुसार कानपुर की युवती सुंदरपुर में रहने वाली अपनी मौसी के यहां रहकर पढ़ाई करती थी। इसी दौरान मौसेरी बहनों में प्रेम संबंध हो गया और दोनों ने शादी करने का फैसला कर लिया।

उत्तर प्रदेश

रामनवमी पर भगवान सूर्य ने किया रामलला के ललाट पर ‘सूर्य तिलक’

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अयोध्या। देशभर में आज रामनवी का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस बार रामनवमी के मौके पर अयोध्या में खास आयोजन किया जा रहा है। 500 साल बाद अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम का सूर्य तिलक किया गया।

वैज्ञानिक दर्पण के जरिए सूर्य की किरण को भगवान रामलला के मस्तक पर पहुंचाया गया। इस दौरान सूर्य की किरणों ने लगभग 4 मिनट तक रामलला के ललाट की शोभा बढ़ाई। शंखों की ध्वनि, मंत्रोच्चारण और पुजारियों की मौजूदगी में सूर्य तिलक के अवसर को और भी शानदार बना दिया। दूसरी ओर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि श्री रामनवमी की पावन बेला में आज, श्री राम जन्मभूमि मंदिर में प्रभु श्री रामलला सरकार का दिव्य अभिषेक किया गया।

भगवान राम के सूर्याभिषेक के बाद लोगों ने दिव्य दर्शन किए। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद रामलला की ये पहली रामनवमी है। अयोध्या में रामनवमी की अद्भुत और विह्गम छटा दिखने को मिल रही है। इस दौरान रामलला की विशेष पूजा-अर्चना हुई। इस मौके पर राम मंदिर को फूलों और लाइटिंग से सजाया गया है। राम मंदिर के कपाट भक्तों के लिए सुबह 3.30 बजे खोल दिए गए हैं। यहां पर रात 11 बजे तक भक्त रामलला के दर्शन कर सकेंगे। यहां पर मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लग गया। दोपहर 12.16 बजे रामलला का सूर्यतिलक के भव्य दर्शन हुए।

इससे पहले श्रीराम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने जानकारी दी थी कि सूर्य के तिलक का सफल परीक्षण पूरा कर लिया गया है। वैज्ञानिकों ने जिस तरह से प्रयास किया है, वह बहुत सराहनीय और वह बहुत अद्भुत है, क्योंकि सूर्य की किरणें भगवान रामलला के ठीक ललाट पर पड़ी है। जैसे ही सूर्य की किरणें प्रभु राम के माथे पर पड़ी, वैसे ही पता चल रहा है कि भगवान सूर्य उदय कर रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा था कि इतना ही नहीं, त्रेता युग में भी जब प्रभु राम ने अवतार लिया था तो उस दौरान सूर्य देव एक महीने तक अयोध्या में रुके थे। त्रेता युग का वह दृश्य अब कलयुग में भी साकार हो रहा है। जब हम प्रभु राम का आरती उतार रहे थे और सूर्य देव उनके माथे पर राजतिलक कर रहे थे तो वह दृश्य बहुत अद्भुत दिख रहा था।

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